भारत की आन बान शान और गौरव का प्रतीक तिरंगा लोगों में देशभक्ति की भावना पैदा करता है. हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को इसे शान से फहराया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिरंगा फहराने के भी अपने नियम और कायदे हैं. जैसे देश के प्रतीकों के सम्मान की रक्षा के लिए कानून हैं ठीक वैसे ही राष्ट्रध्वज के लिए संहिता है. अगर इसका पालन नहीं किया जाए तो यह तिरेंगे का अपमान माना जाता है और इसके लिए सजा का प्रावधान है. उसमें बताया गया है कि तिरंगा अगर सही स्थिती में न हो तो उसे नहीं फहराना चाहिए. लेकिन सवाल ये उठता है कि फिर उसका क्या किया जाए कैसे नष्ट किया जाए. तो चलिए आपको बताते हैं.
ऐसा तिरंगा नहीं फहराना चाहिए
ध्वज संहिता के भाग दो की धारा दो के अनुच्छेद दो के उपबंध 22(ii) के बताया गया है कि क्षतिग्रस्त, कटे फटे या फिर उड़े रंगों वाला अस्त व्यस्त ध्वज नहीं फहराना चाहिए. संहिता में आगे 22 (xiii) के मुताबिक जब राष्ट्रध्वज का कलेवर जीर्ण हो जाए यानी क्षतिग्रस्त हो या बदरंग हो जाए या फिर कट फट जाए तो उसे एकांत में पूर्ण सम्मान के साथ जलाकर या दफना कर पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाए ताकि राष्ट्र ध्वज की गरिमा और महिमा बनी रहे.
तिरंगे के अपमान पर मिलेगी सजा
ध्वज संहिता के अनुसार ही तिरंगे को फहराना चाहिए या नष्ट करना चाहिए. ध्वज संहिता के धारा दो में कहा गया है कि कोई व्यक्ति सार्वजनिक जगह या ऐसी जगह जहां किसी की नजर पड़ती हो वहां राष्ट्रध्वज को अपमानित करना, यानी तिरंगे या उसके किसी हिस्से को फाड़ना, जलाना, कुचलना, दूषित या विकृत करना या विरूपित करना दंडनीय अपराध है. इसके लिए 3 साल की जेल और अदालत की ओर से तय आर्थिक जुर्माने या फिर दोनों से दंडित किया जा सकता है.
नियम के अनुसार ध्वज को ऐसे करें नष्ट
सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट जेपी ढांडा के मुताबिक ध्वज संहिता की धारा पांच के उपबंध 3(25) में ध्वज को पूरी तरह जलाने या ध्वज के गौरव व गरिमा के अनुसार कोई अन्य समुचित उपाय से पूरी तरह नष्ट या निपटान करने की बात कही गई है. इसके मुताबिक एकांत में जहां कोई और ना देखे वहां पवित्र भूमि पर पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ जीर्ण ध्वज को लकड़ी के बक्से में रखकर गाड़ देना चाहिए. ध्वज को कायदे से तह करना चाहिए. उसका सही तरीका है कि केसरिया पर हरे रंग की पट्टी की तह ऐसे बनाई जाए कि सफेद रंग पर बना चक्र सबसे ऊपर दिखाई दे. जलाने का भी विकल्प नागरिकों के पास है. वो एकांत में जीर्ण ध्वज को पूरे सम्मान के साथ पूरी तरह जला दें. उसकी राख को या तो जमीन में दबा दें या किसी पवित्र नदी की धारा में बहा दें.