Single use plastic ban: क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक और क्यों लगाया जा रहा इस पर बैन

भारत में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा. सिंगल यूज प्लास्टिक सिर्फ पर्यावरण को ही नहीं बल्कि व्यक्ति के शरीर को भी नुकसान पहुंचाती है.

Single use plastic
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2022,
  • अपडेटेड 1:04 PM IST
  • पर्यावरण के लिए खतरनाक है सिंगल यूज प्लास्टिक
  • भारत में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन

भारत में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद हो जाएगा. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वालों के लिए जुर्माना भी निर्धारित कर दिया है. पहली बार अगर कोई इसका इस्तेमाल करते हुए पकड़ा गया तो 500 रुपये, दूसरी बार एक हजार और तीसरी बार दो हजार तक जुर्माना लगाया जाएगा. जूस और डेयरी प्रॉडक्ट्स के छोटे पैक्स के साथ जो स्ट्रॉ दिया जाता है, उसे भी बैन किया गया है. इसकी जगह पर पेपर स्ट्रॉ इस्तेमाल किए जाने की बात कही जा रही है.

क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक और क्यों है हानिकारक
सिंगल यूज प्लास्टिक का मतलब प्लास्टिक से बनी उन प्रोडक्ट से है जिसे एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता है. यह आसानी से डिस्पोज नहीं किए जा सकते. प्रदूषण को बढ़ाने में सिंगल यूज प्लास्टिक का सबसे ज्यादा योगदान है क्योंकि इनका रिसाइकिल नहीं किया जा सकता. ये प्लास्टिक न तो डीकंपोज होते हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है. इनके टुकड़े पर्यावरण में जहरीले रसायन छोड़ते हैं जोकि मनुष्यों और जानवरों के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारण होते हैं. हम जो सिंगल यूज प्लास्टिक फेंकते है वो बारिश के पानी को जमीन के नीचे जाने से रोकती है. जिससे जमीन के नीचे पानी के लेवल में कमी आती है.


खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होते हैं 40 फीसदी से ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक
प्रदूषण को बढ़ाने में सिंगल यूज प्लास्टिक का सबसे ज्यादा योगदान है. जिस तेजी से हम प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं, उससे 2024 तक दुनिया भर में 14 अरब टन प्लास्टिक कचरा जमा हो चुका होगा. दुनियाभर में हर साल लगभग 30 करोड़ टन प्लास्टिक का कचरा पैदा होता है. दुनियाभर में प्रति मिनट 20 लाख सिंगल यूज प्लास्टिक बैग इस्तेमाल होते हैं. सिंगल यूज प्लास्टिक वेस्ट में शैंपू, बॉडी वॉश, पेन, पेट बॉटल, ट्यूब्स आदि के बॉटल्स की मात्रा ज्यादा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक जो खाद्य पदार्थ बाजारों में मिल रहे हैं उसमें 40 फीसदी से ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक है.

दिल्ली में 1 जून से बैन है सिंगल यूज प्लास्टिक
दिल्ली सरकार ने 1 जून से ही दिल्ली सचिवालय में सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था. दिल्ली सचिवालय में यूज एंड थ्रो पेन और पानी की बोतलें समेत सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित हैं.

ये आइटम होंगे बैन
गुब्बारों की स्टिक, लॉलीपॉप की डंडी, थर्माकोल के सजावटी सामान, प्लेट्स, कप, गिलास, चम्मच, स्ट्रॉ, सिगरेट पैकेट, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक, मिठाई बॉक्स में यूज होने वाली क्लिंग रैप्स आदि. ये सभी प्लास्टिक से बने ऐसे आइटम हैं जिन्हें एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है.

क्या कर सकते हैं

सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोककर हम धरती और खुद को भी स्वस्थ रख सकते हैं.

पॉलीथिन के बजाय जूट या कपड़े के थैलों का इस्तेमाल करें

प्लास्टिक स्ट्रा का इस्तेमाल बंद कर दें.

प्लास्टिक की बोतलें, प्लेट, चम्मच, ग्लास का किसी भी हालत में इस्तेमाल न करें



 

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