AG Perarivalan Release: कौन है एजी पेरारीवलन जिसे सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी की हत्या में दिया रिहा करने का आदेश!

पेरारीवलन को फिलहाल जमानत पर रिहा किया गया है. पेरारीवलन ने रिहाई के लिए याचिका डालकर कहा था कि वो 31 साल से जेल में बंद है,उसे रिहा किया जाना चाहिए. साल 2008 में तमिलनाडु कैबिनेट ने उसे रिहा करने का फैसला लिया था, लेकिन राज्यपाल ने पेरारीवलन की दया याचिका को राष्ट्रपति के पास भेज दिया.

Who is Ag Perarivalan (File Photo)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 18 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:32 PM IST
  • देरी होने की वजह से दोषियों ने किया सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला
  • राजीव गांधी की हत्या का है आरोपी

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला लेते हुए प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए एजी पेरारीवलन को रिहा करने का आदेश दिया है. पेरारीवलन राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी करार दिए गए सात लोगों में से एक हैं. सुप्रीम कोर्ट ने माफी याचिका पर फैसला करने में अनुच्छेद 142  विशेषाधिकार के तहत फैसला दिया. इसका प्रयोग अदालत ने राज्यपाल की देरी के बाद एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल के पास संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत दया याचिका पर निर्णय लेने का अधिकार है, लेकिन इसे इस तरह टाला नहीं जा सकता.

पेरारीवलन को फिलहाल जमानत पर रिहा किया गया है. पेरारीवलन ने रिहाई के लिए याचिका डालकर कहा था कि वो 31 साल से जेल में बंद है,उसे रिहा किया जाना चाहिए. साल 2008 में तमिलनाडु कैबिनेट ने उसे रिहा करने का फैसला लिया था, लेकिन राज्यपाल ने पेरारीवलन की दया याचिका को राष्ट्रपति के पास भेज दिया, जिसके बाद ये मामला लंबित चलता रहा. SC ने 10 मई को मामले की सुनवाई पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. 

देरी होने की वजह से दोषियों ने किया सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला
बता दें कि 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हत्या हुई थी. इस मामले में सात लोगों को दोषी करार दिया गया था. पहले सभी को मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन बाद में साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे आजीवन कारावास में बदल दिया था. साल 2016 में तब की सीएम जयललिता और 2018 में एके पलानीस्वामी ने इनकी रिहाई की सिफारिश की थी. लेकिन बाद के राज्यपालों ने इसका पालन नहीं किया और मामले को राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया. काफी समय तक सुनवाई ना होने की वजह से दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया.

कौन है पेरारिवलन?
पेरारिवलन तमिलनाडु के जोलारपेट कस्बे का रहने वाला है. जिस समय उसे राजीव गांधी की हत्या के मामले में गिरफ्तार (11 जून 1991) किया गया था उस समय उसकी उम्र मात्र 19 साल थी. पेरारिवलन ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में डिप्लोमा किया है और उस दौरान वो चेन्नई में आगे की पढ़ाई के लिए आया था. इसी दौरान उसे राजीव गांधी की हत्या में लिप्त पाया गया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. टेरोरिज्म एंड डिसरप्टिव एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट यानी टाडा के तहत इस केस में पेरारिवलन के बारे में बताया गया कि जिस आत्‍मघाती बम से राजीव गांधी की हत्‍या की गई थी उसके लिए 9 वोल्‍ट की बैटरी हत्‍यारों को उसने खरीदकर दी थी. सीबीआई ने दावा किया कि पेरारिवलन इस मामले में लगातार मास्टरमाइंड के संपर्क में था. 

पेरारिवलन ने जेल जाकर भी अपनी पढ़ाई-लिखाई जारी रखी. वह पढ़ने में काफी होशियार था. उसने जेल से ही अपना 12वीं का एग्जाम दिया, जिसमें उसे 91.33 प्रतिशत अंक मिले. इसके बाद उसने तमिलनाडु ओपन यूनिवर्सिटी के एक डिप्लोमा कोर्स में गोल्ड मेडल हासिल किया. इसके बाद उसने इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से पहले बैचलर इन कंप्यूटर एप्लिकेशन (बीसीए) किया और फिर कंप्यूटर में ही मास्टर्स की डिग्री हासिल की. पेरारिवलन जेल में ही साथियों के साथ म्यूजिक बैंड भी चलाता है. 

 

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