कैप्टन गीतिका कौल दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनात होने वाली भारतीय सेना की पहली महिला चिकित्सा अधिकारी बन गई हैं. इंडियन आर्मी के फायर एंड फ्यूरी कोर ने मंगलवार को दी. यह उपलब्धि उन्हें प्रतिष्ठित सियाचिन बैटल स्कूल में कठोर इंडक्शन ट्रेनिंग के सफल समापन के बाद मिली है, जिसमें अत्यधिक ऊंचाई पर रहने के अनुकूल बनना, खुद को बचाने की तकनीक सीखना और विशेष चिकित्सा प्रक्रियाएं शामिल हैं.
सबसे दुर्गम इलाके में से एक
भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की. फायर एंड फ्यूरी कोर ने ट्विटर पर लिखा,‘स्नो लेपर्ड ब्रिगेड की कैप्टन गीतिका कौल सियाचिन बैटल स्कूल में सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनात होने वाली भारतीय सेना की पहली महिला चिकित्सा अधिकारी बन गई हैं.’उत्तरी हिमालय में स्थित सियाचिन अपने सामरिक महत्व, प्रतिकूल जलवायु और दुर्गम इलाके के कारण चुनौतियों से भरा क्षेत्र है. इसे दुनिया के सबसे कठिन जगहों में से एक माना जाता है. यहां तैनाती सबसे मुश्किल मानी जाती है.
तीन महीने का होता है कार्यकाल
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, गीतिका कौन से पहले इसी साल जनवरी में सियाचिन में पहली बार किसी महिला अधिकारी की तैनाती हुई थी. उस समय इंजीनियर्स कोर से महिला अधिकारी कैप्टन शिवा चौहान की तैनाती हुई थी. सियाचिन में सैनिकों का कार्यकाल तीन महीने का होता है, जहां तापमान शून्य से 60 डिग्री नीचे तक जा सकता है.सियाचिन भारत के साथ ही पाकिस्तान के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है. सियाचिन का विस्तार हिमालय की काराकोरम रेंज के पूर्वी भाग में समुद्र तल से करीब 5753 मीटर यानी 20 हजारप फीट की ऊंचाई तक है.
इसके अतिरिक्त, फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने एक्स पर घोषणा की कि "बीएसएनएल के सहयोग से सियाचिन वारियर्स ने 15,500 फीट से अधिक ऊंचाई पर तैनात सैनिकों के लिए मोबाइल संचार का विस्तार करने के लिए 6 अक्टूबर को सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र की अग्रिम चौकियों पर पहली बार बीएसएनएल बीटीएस की स्थापना की." अक्टूबर में, सैनिकों को अपने दोस्तों और परिवारों से जुड़ने में मदद करने के लिए, भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने 15,500 फीट से ऊपर के ग्लेशियर में सैनिकों के लिए मोबाइल संचार की सुविधा के लिए एक नया बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) चालू किया.