Probation IAS Officer Pooja Khedkar: जानिए कौन है ऑडी पर लाल बत्ती लगाने वाली आईएएस, इन परिस्थितियों में जा सकती है नौकरी

IAS Pooja Khedkar: पूजा खांडेकर का नाम सुर्खियों में तब आया जब उन्होंने अपनी निजी कार पर लाल बत्ती लगाई. इस घटना के बाद पुणे डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सुहास दिवासे ने भी पूजा के खिलाफ राज्य सरकार के समक्ष एक रिपोर्ट दर्ज की, जिसमें उनकी कई अनुचित मांगों का जिक्र किया गया. अब इन विवादों के कारण पूजा की नौकरी भी जा सकती है.

शादाब खान
  • नई दिल्ली,
  • 13 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 7:21 AM IST

आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर (Probation IAS Officer Pooja Khedkar) से जुड़ा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. अपने बर्ताव के खिलाफ शिकायत को लेकर रोशनी में आईं आईएएस खेडकर के लिए अब कई और परेशानियां खड़ी हो गई हैं. उनकी ओबीसी पहचान और विकलांगता के कारण उन्हें मिली छूट पर भी अब सवाल उठ रहे हैं, जिसकी वजह से वह अपना आईएएस अधिकारी का ओहदा भी गंवा सकती हैं. आइए एक बार डाल लेते हैं पूजा खेडकर से जुड़े हर विवाद पर नजर. 

अनुचित मांगों को लेकर रोशनी में आईं पूजा 
पूजा ने ट्रेनिंग के लिए तीन जून 2023 को पुणे डिस्ट्रिक्ट कलेक्टरी ज्वॉइन की थी. कई अनुचित मांगों के बाद पुणे के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सुहास दिवासे ने पूजा के 'आपत्तिजनक' बर्ताव को लेकर राज्य सरकार के समक्ष रिपोर्ट पेश की थी. अलग ऑफिस, अलग कार की मांग करने के अलावा पूजा अपनी निजी कार पर लाल बत्ती लगाने के लिए सुर्खियों में आई थीं. 

पूजा महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के पाथर्डी तहसील के नौकरशाहों और राजनेताओं के परिवार से आती हैं. उनके पिता दिलीपराव खेडकर एक महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रिटायर्ड अधिकारी हैं जो अब राजनीति में हैं. उनके दादा भी एक वरिष्ठ नौकरशाह थे. दिलीपराव ने वंचित बहुजन अघाड़ी के उम्मीदवार के रूप में 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा था. पूजा की मां भी भलगांव की सरपंच हैं. 

2019 में बनीं आईआरएस 
पूजा ने एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई पूरी करने के बाद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के लिए कई प्रयास किए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2019 में वह पहली बार भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में जगह बनाने में सफल रहीं. यूट्यूब पर मौजूद एक मॉक इंटरव्यू में पूजा को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह 'ओबीसी आवंटन में तकनीकी समस्या' के कारण वह आईआरएस ज्वॉइन नहीं कर पाईं. इसके बाद उन्हें नवंबर 2021 में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) में सहायक निदेशक के पद पर रखा गया था. 

पूजा ने 2021 में एक बार फिर सिविल सेवा परीक्षा दी और 821वीं रैंक हासिल की. उन्होंने अपने मेडिकल सर्टिफिकेट में अंधेपन और मानसिक बीमारी का दावा किया था. जब वह मेडकिल टेस्ट के लिए यूपीएससी के सामने हाजिर नहीं हो सकीं तो उन्हें केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) में यूपीएससी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी. यह लड़ाई पूजा के लिए अहम थी क्योंकि उन्हें 'बेंचमार्क विकलांगता श्रेणी' के तहत फायदा मिला था.  

विकलांगता पर उठे ये सवाल 
23 फरवरी, 2023 के कैट के आदेश के अनुसार, यूपीएससी ने पूजा को अप्रैल 2022 में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली में मेडिकल जांच कराने के लिए कहा था. लेकिन उन्होंने कोविड-19 से ग्रसित होने का दावा कर टेस्ट से  मना कर दिया. मेडिकल जांच अगस्त 2022 तक के लिए स्थगित कर दी गई. 

आगे चलकर कैट सदस्य भगवान सहाय और न्यायमूर्ति एम जी सेवलिकर के आदेश में कहा गया, “आवेदक की 26 अगस्त से 2 सितंबर तक एम्स द्वारा चिकित्सकीय जांच की गई. दोनों आंखों में दृष्टि हानि का कारण जानने के लिए दिमाग का एमआरआई करवाने के लिए कहा गया. एम्स में ड्यूटी अधिकारी ने आवेदक से संपर्क करने के कई प्रयास किए लेकिन उसकी (पूजा) ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. इसलिए दृष्टि विकलांगता के प्रतिशत का आकलन नहीं किया जा सका." 

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि पूजा ने बाद में एक प्राइवेट लैब की एमआरआई रिपोर्ट पेश की, जिसमें उनके विकलांगता के दावों का समर्थन किया गया. 

ओबीसी आरक्षण पर भी शक के बादल
सामाजिक कार्यकर्ताओं और सोशल मीडिया यूजर्स ने पूजा की ओबीसी (गैर-क्रीमी लेयर) स्थिति के बारे में भी सवाल उठाए हैं. क्योंकि वह आर्थिक रूप से एक अच्छे परिवार से हैं. पुणे के रहने वाले एक्टिविस्ट विजय कुंभार ने पूजा की गैर-क्रीमी लेयर स्थिति के बारे में सवाल उठाने के लिए उनके पिता दिलीपराव के चुनावी हलफनामे में किए गए खुलासों की ओर इशारा किया है. 

कुंभार कहते हैं, “उनके पिता के चुनावी हलफनामे में उनकी आय और संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई गई है. उनकी संपत्ति में 110 एकड़ कृषि भूमि, सात फ्लैट शामिल हैं. इनमें से एक हीरानंदानी में है. 900 ग्राम सोना, हीरे, 17 लाख रुपये की सोने की घड़ी, चार कारें हैं. पूजा के पास खुद 17 करोड़ रुपये की संपत्ति है. क्या इसकी जांच नहीं होनी चाहिए? ऐसी आय गैर-क्रीमी लेयर व्यक्ति के पास कैसे आ सकती है?” 

पूजा ने फिलहाल इन सवालों का जवाब देने से मना किया है लेकिन एक मॉक इंटरव्यू में उन्हें यह दावा करते हुए देखा जा सकता है कि उनके माता-पिता का तलाक हो चुका है और वह अपने पिता से अब नहीं मिलतीं. दूसरी ओर, पूजा के पिता दिलीपराव ने अपने चुनावी हलफनामे में परिवार के किसी मनमुटाव का जिक्र नहीं किया है. 

बर्खास्तगी के करीब खड़ीं पूजा 
पुणे डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर दिवासे की रिपोर्ट राज्य सरकार के पास पहुंचने के बाद केंद्र सरकार भी पूजा के खिलाफ जांच कर रही है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने केंद्र सरकार के सूत्रों के हवाले से कहा कि पूजा की ओर से जमा किए गए सभी दस्तावेजों की जांच होगी. कर्मचारी और प्रशिक्षण विभाग के अतिरिक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी की सिंगल-मेंबर कमिटी को दो हफ्ते में रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है. दोषी पाए जाने पर पूजा को बर्खास्त किया जा सकता है. 

इसके अलावा दिवासे ने भी पूजा की ट्रेनिंग से जुड़ी एक घटना का जिक्र करते हुए बताया है कि उनका आचरण एक अधिकारी के अनुकूल नहीं है. दिवासे ने चीफ सेक्रेट्री को लिखे हुए पत्र में बताया कि जब अतिरिक्त कलेक्टर चार दिन के लिए शहर से बाहर थे तो पूजा ने किसी की इजाज़त के बिना उनका उपकक्ष खाली कर उस कमरे में फर्नीचर और दूसरा सामान रखवा लिया. पूजा ने उस कमरे के बाहर अपने नाम की एक तख्ती भी लगवा ली. 

जब कलेक्टर ने इस कमरे को पहले जैसा कर दिया तो पूजा ने ऐतराज जाहिर किया. पूजा ने कहा कि उसके साथियों को भी इस तरह की सुविधाएं मिल रही हैं. अगर उसे ये सुविधाएं नहीं दी जातीं तो उसका "बहुत अपमान होगा" जो वह "सह नहीं पाएगी." 

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