Sumit Singh: कौन हैं निर्दलीय विधायक सुमित सिंह, बहुमत के बावजूद  NDA सरकार में बनाए गए मंत्री, JDU से टिकट नहीं मिलने पर अकेले लड़े थे चुनाव

Sumit Kumar Singh Independent MLA: सुमित कुमार सिंह पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र और स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व मंत्री स्वर्गीय श्री कृष्ण सिंह के पौत्र हैं. लिहाजा राजनीति इन्हें विरासत में मिली है. सुमित सिंह चकाई विधानसभा से तीन बार चुनाव लड़े हैं और दो बार विजयी हुए हैं. 

Sumit kumar Singh (Left in This Photo)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 28 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:51 PM IST
  • सुमित कुमार सिंह छात्र जीवन से ही राजनीति में हो गए थे सक्रिय 
  • दादा श्रीकृष्ण सिंह व पिता नरेंद्र सिंह भी रहे हैं मंत्री

BJP-JDU Alliance: बिहार में एक बार फिर से नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बन गई है. जदयू महागठबंधन से अलग हो गई है. नीतीश कुमार राजभवन में रविवार शाम को 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. नीतीश के साथ दो उप मुख्यमंत्री और 6 कैबिनेट मंत्रियों ने पद की शपथ ली. बीजेपी से सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा और डॉ. प्रेम कुमार, जदयू से विजय चौधरी, विजेंद्र यादव और श्रवण कुमार, हम (HAM) से जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय सुमित कुमार सिंह मंत्री पद की शपथ ली. आइए जानते हैं बहुमत के बावजूद एनडीए सरकार में मंत्री बनाए गए सुमित कुमार सिंह के बारे में.

बिहार के कद्दावर नेता रहे नरेंद्र सिंह के बेटे हैं सुमित सिंह
सुमित कुमार सिंह का जन्म जमुई जिले के पकरी गांव में 24 अगस्‍त 1980 को हुआ था. सुमित बिहार के कद्दावर नेता रहे दिवंगत नरेंद्र सिंह के बेटे हैं. सुमित कुमार सिंह के पिता नरेंद्र सिंह लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की सरकार में कई विभागों के मंत्री रह चुके थे. जीतन मांझी की सरकार में भी वे मंत्री बने थे. सुमित कुमार सिंह के दादा स्वतंत्रता सेनानी, कुशल राजनीतिज्ञ स्वर्गीय श्रीकृष्ण सिंह चकाई से दो बार विधायक रह चुके हैं. वह मुंगेर से सांसद भी चुने गए थे. वह भी बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं. 

सुमित सिंह पहली बार 2010 में बने थे विधायक
सुमित सिंह ने आरपीएस इंटर कॉलेज से इंटर तक की पढ़ाई के बाद जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली) से पढ़ाई की. सुमित सिंह छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे. वह जमुई सहित आसपास के जिलों में युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं. सुमित सिंह ने पहली बार 2010 में चकाई विधानसभा से जेएमएम (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए जीत हासिल की थी. लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सीधे तौर पर नीतीश कुमार को समर्थन देते हुए जदयू में शामिल हो गए थे. 

पहले भी रह चुके हैं मंत्री
सुमित सिंह 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू का टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़े और पराजित हो गए. उन्हें महागठबंधन की प्रत्याशी सावित्री देवी ने हराया था. इसके बाद 2020 के चुनाव में भी निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे और चकाई से जीत हासिल की. इस बार की जीत से उन्हें पूरे प्रदेश में एकलौता निर्दलीय विधायक बनने का अवसर मिला. परिणाम आने के बाद सुमित ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में आस्था व्यक्त करते हुए सरकार बनाने में समर्थन देने की घोषणा की थी. पहली बार एनडीए सरकार में मंत्री बने थे. इसके बाद महागठबंधन की सरकार में सुमित कुमार सिंह मंत्री रह चुके हैं. अब एकबार फिर से एनडीए सरकार में मंत्री बने हैं. बिहार की राजनीति में सुमित कुमार सिंह एक बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं. 


 

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