Sudha Murthy: कौन हैं सुधा मूर्ति जिन्हें महिला दिवस के खास मौके पर राज्यसभा के लिए किया गया मनोनीत...सेवा और परोपकार में है बड़ा नाम

सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए मानोनीत किया गया है. सुधा मूर्ति इन्फोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी हैं. उनके दो बच्चे बेटी अक्षता मूर्ति और बेटा रोहन मूर्ति हैं. सुधा मूर्ति एक जानी-मानी लेखिका हैं जो 30 से ज्यादा किताबें लिख चुकी है.

Sudha Murthy
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 5:13 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर जानकारी देते हुए भारतीय शिक्षिका और लेखिका सुधा मूर्ति (Sudha Murthy)  को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है.पीएम मोदी ने लिखा, "मुझे खुशी है कि भारत के राष्ट्रपति ने @SmtSudhaMurty जी को राज्यसभा के लिए नामित किया है. सामाज सेवा, दान,परोपकार और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुधा जी का योगदान बहुत बड़ा और प्रेरणादायक रहा है."

पीएम ने आगे लिखा,"वह नारी शक्ति का सशक्त प्रमाण हैं जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण हैं.उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं".वहीं सुधा मूर्ति ने मनोनीत होने पर पीएम का धन्यवाद दिया और उनकी सराहना की. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मुझे गरीबों के लिए काम करने के लिए एक बड़ा मंच मिलेगा. मुझे नहीं लगता कि मैं खुद को राजनेता मान सकती हूं. मैं एक मनोनीत राज्यसभा सदस्य हूं.

कौन हैं सुधा मूर्ति?
सुधा मूर्ति इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी हैं.वह अंग्रेजी और कन्नड़ भाषा में अब तक 30 किताबें लिख चुकी हैं.उनकी किताबों की सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है जिसकी देशभर में 26 लाख से अधिक कॉपियां बिकी हैं.वह उद्यम पूंजीपति अक्षता मूर्ति की मां हैं,जिनका विवाह ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक से हुआ है. फिलहाल सुधा मूर्ति 'मूर्ति ट्रस्ट' की अध्यक्ष हैं. उन्हें पद्मश्री और पद्म भूषण (2003) से भी सम्मानित किया जा चुका है. साल 2006 में उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. 

सुधा मूर्ति का जन्म 19 अगस्त,1950 को कर्नाटक के शिगगांव में हुआ था. उन्होंने अपने करियर  की शुरुआत एक कंप्यूटर वैज्ञानिक और इंजीनियर के तौर पर की थी,जो टाटा इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी (Telco) में नियुक्त होने वाली पहली महिला इंजीनियर बनीं.मूर्ति के परोपकारी प्रयास व्यापक हैं. 10वीं क्लास तक उन्होंने कन्नड़ माध्यम से स्कूल में पढ़ाई की. इसके बाद सुधा मूर्ति को इस भाषा से प्यार हो गया. बाद में उन्होंने कर्नाटक में 60 हजार से अधिक लाइब्रेरी स्थापित कीं.सुधा इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं और उन्होंने गरीबी,स्वास्थ्य देखभाल और स्वच्छता जैसे मुद्दों पर काफी बड़ी लेवल पर काम किया है. फाउंडेशन के माध्यम से,उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हजारों घर बनाए,अनाथालय बनाए और कई जगह सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के लिए धन दिया. उनका प्रभाव भारत के बाहर भी फैला हुआ है.उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया की स्थापना की थी.

 

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