Sunil Kanugolu: सोनिया ने प्रशांत किशोर के इनकार के बाद सुनील कनुगोलू पर जताया था भरोसा, अपनी रणनीति से कर्नाटक में कांग्रेस को दिलाई सत्ता की चाबी

मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले सुनील कनुगोलू चेन्नई में पले-बढ़े हैं और अब बेंगलुरु में रहते हैं. कांग्रेस में शामिल होने से पहले वह भाजपा, द्रमुक और अन्नाद्रमुक के साथ काम कर चुके हैं. प्रशांत किशोर के इनकार करने के बाद सोनिया गांधी ने सुनील को पार्टी से जोड़ा था.

डीके शिवकुमार के साथ सुनील कानूनगोलू
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 15 मई 2023,
  • अपडेटेड 4:58 PM IST
  • सुनील कई राज्यों में कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीति कर रहे हैं तैयार 
  • कर्नाटक ही नहीं हिमाचल जीत में भी निभाई थी भूमिका

Karnataka Assembly Elections: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. कुल 224 सीटों में से 135 पर जीत हासिल कर कांग्रेस राज्य में अपनी सरकार बनाने जा रही है. क्या आप जानते हैं इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने जिस तरह से जोर-शोर से प्रचार किया और पार्टी ने जो रणनीति बनाई, इसकी रूपरेखा सुनील कनुगोलू ने तय की थी. आइए जानते हैं सुनील कैसे जुड़े कांग्रेस से और क्या रही इस जीत में उनकी भूमिका.

कर्नाटक के बल्लारी जिले के रहने वाले हैं सुनील 
सुनील कानूनगोलू की आज हर तरफ चर्चा हो रही है. सुनील का जन्म कर्नाटक के बल्लारी जिले में हुआ. यहीं से उन्होंने अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी की. बल्लारी से वह पहले चेन्नई और फिर बेंगलुरु शिफ्ट हो गए. तेलुगु भाषी होने के बावजूद कनुगोलू ने अपनी जडें कर्नाटक में जमा ली. सुनील चुनावी रणनीतियां तैयार करने में माहिर हैं. सुनील व्यापारिक परिवार से आते हैं. कांग्रेस में शामिल होने से पहले वह भाजपा, द्रमुक और अन्नाद्रमुक के साथ काम कर चुके हैं. 

ऐसे जुड़े कांग्रेस से 
कांग्रेस पार्टी के लिए रणनीनित बनाने के प्रस्ताव को प्रशांत किशोर ने पिछले साल 26 अप्रैल को अस्वीकार कर दिया था. इसके बाद सोनिया गांधी ने सुनील कनुगोलू को पार्टी की चुनावी रणनीतियों को तैयार करने के लिए फाइनल किया. 

भारत जोड़ो यात्रा का आइडिया भी कनुगोलू ने ही दिया था
गत साल मई में कनुगोलू को टास्क फोर्स 2024 के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया. इस टास्क फोर्स में कनुगोलू के अलावा पी चिदंबरम, मुकुल वासनिक, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, अजय माकन, प्रियंका गांधी वाड्रा और रणदीप सुरजेवाला जैसे प्रमुख नेता शामिल थे. बताया जाता है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का आइडिया भी कनुगोलू ने ही दिया था. 

हिमाचल विस चुनाव में भी किया था काम
सुनील कई राज्यों में कांग्रेस पार्टी के लिए चुनावी रणनीति तैयार कर रहे हैं. कर्नाटक में चुनाव से पहले सर्वे, फिर उम्मीदवारों का चयन, दूसरी पार्टियों से आने वाले नेताओं को लेकर अध्ययन करना, मुद्दे और चुनाव प्रचार के तरीकों को लेकर सुनील ने काम किया. सुनील के करीबियों के मुताबिक कर्नाटक से पहले हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने अपनी टीम के साथ काम किया था, वहां भी कांग्रेस को जीत मिली. सुनील कनुगोलू के करीबियों के मुताबिक पार्टी के बड़े नेताओं के साथ उनके अच्छे व्यक्तिगत संबंध है, जिसके कारण उन्हें काम करने में आसानी होती है. सुनील एक शांत व्यक्तित्व, लेकिन दृढ़ संकल्प वाले व्यक्ति हैं वह हमेशा फील्ड डेटा के साथ काम करते रहते हैं.

2018 के कर्नाटक चुनाव में भाजपा के साथ थे
सुनील कनुगोलू इससे पहले कई पार्टियों के साथ काम कर चुके हैं. साल 2018 के कर्नाटक चुनाव में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के साथ काम किया था और इस दौरान भाजपा 104 सीटों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनने में कामयाब हुई थी. राजनीतिक दलों के साथ काम करने से पहले कनुगोलू वैश्विक प्रबंधन सलाहकार फर्म मैकिंसे के साथ काम कर चुके हैं. वह 2017 के जल्लीकट्टू विरोध के दौरान तमिल गौरव और द्रविड़ियन मॉडल के पहलुओं के पीछे भी थे, जिससे डीएमके को आक्रामक भाजपा का मुकाबला करने में मदद मिली.

 

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