Tuhin Kant Pandey: 2019 में की वित्त मंत्रालय में एंट्री, सीतारमण की टीम का रहे अहम हिस्सा.... अब बने वित्त सचिव, जानिए कौन हैं तुहिन कांत पांडे

Tuhin Kant Pandey: पांडे 1987 बैच के आईएएस (Indian Administrative Service) अधिकारी हैं. वह करीब 3.5 दशक के करियर में ओडिशा और केंद्र सरकार  के साथ कई पदों पर काम कर चुके हैं. पिछले पांच साल से वह वित्त मंत्रालय का हिस्सा हैं.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:15 AM IST
  • पांच साल मंत्रालय में रहने के बाद वित्त सचिव बने तुहिन
  • एयर इंडिया के निजीकरण में निभाई थी अहम भूमिका

केंद्र सरकार ने वित्त मंत्रालय में लंबे समय से काम कर रहे वरिष्ठ अधिकारी तुहिन कांत पांडे को नया वित्त सचिव (Finance Secretary) चुना है. सरकार ने एक आधिकारी आदेश में इसकी सूचना दी. पिछले महीने टीवी सोमनाथन को बतौर कैबिनेट सचिव नियुक्त किए जाने के बाद यह पद खाली हुआ था.

कौन हैं तुहिन कांत पांडे?
तुहिन कांत पांडे 1987 बैच के आईएएस (Indian Administrative Service) अधिकारी हैं. उनका ताल्लुक ओडिशा कैडर से है. वह 36 साल से एक सिविल सर्वेंट के रूप में काम कर रहे हैं. पांडे ने चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में मास्टर्स डिग्री हासिल करने के बाद ब्रिटेन का रुख किया, जहां उन्होंने एमबीए (Master of Business Administration) की पढ़ाई की.

पांडे करीब 3.5 दशक के करियर में ओडिशा और केंद्र सरकार  के साथ कई पदों पर काम कर चुके हैं. अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने ओडिशा वित्त निगम (OSFC) में कार्यकारी निदेशक और प्रबंध निदेशक के तौर पर काम किया. साथ ही उन्होंने ओडिशा लघु उद्योग निगम (OSIC) में भी ये जिम्मेदारियां संभालीं. 

बात करें केंद्र सरकार की तो वह इससे पहले वाणिज्य विभाग में उपसचिव रह चुके हैं. साल 2009 में पांडे को पांच साल के लिए योजना आयोग का संयुक्त सचिव चुना गया था. इसके बाद वह दो साल के लिए कैबिनेट सचिवालय में दो साल के लिए संयुक्त सचिव भी रहे. इस दौरान उन्होंने औद्योगिक विकास, वित्तीय प्रबंधन और सार्वजनिक वित्त जैसे क्षेत्रों में गहरा अनुभव हासिल किया है. 

वित्त मंत्रालय में पांडे की एंट्री 2019 में हुई. वित्त सचिव बनने से पहले तुहिन निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (Department of Investment and Public Asset Management, DIPAM) में बतौर सचिव काम कर रहे थे. यह डिपार्टमेंट पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में विनिवेश विभाग (Department of Disinvestment) के नाम से शुरू हुआ. इसका मुख्य काम सरकारी नीति के अनुसार सरकार की कंपनियों का निजीकरण करना है. इसी विभाग में पांडे सरकार के लिए बेहद अहम साबित हुए. 

सीतारमण की टीम में निभाई है अहम भूमिका
मोदी 2.0 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की टीम का हिस्सा बनने के बाद पांडे ने कई अहम काम किए हैं. परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग में सबसे लंबे वक्त तक कार्यरत रहने वाले सचिव के तौर पर उन्होंने एयर इंडिया के निजीकरण को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. यह एयरलाइन केंद्र सरकार की जेब पर बेहद भारी पड़ रही थी. पांडे के संचालन में ही जनवरी 2022 में एयर इंडिया टाटा समूह के हवाले कर दी गई थी. एलआईसी की ओर से निकाले गए देश के सबसे बड़े आईपीओ में अहम भूमिका निभाने का श्रेय भी तुहिन पांडे को दिया जाता है. 

कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने बतौर वित्त सचिव पांडे की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. परंपरा के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ सचिव को वित्त सचिव के रूप में नामित किया जाता है. 

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