महाराष्ट्र की सियासत में सबसे प्रभावी शख्सियतों में से एक रहे बाला साहब ठाकरे के दूसरे बेटे जयदेव ठाकरे की जिंदगी अब तक गुमनामी में बीती है. लेकिन इस वक्त उनका नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में इसलिए है, क्योंकि जयदेव ठाकरे इस बार सियासी मंच पर नजर आए हैं. चर्चा इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि जयदेव फैमिली पॉलिटिक्स से अलग विरोधी गुट के साथ मंच पर दिखाई दिए हैं. उद्धव ठाकरे हमेशा सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन बाल ठाकरे का ये बेटा लाइमलाइट में कम ही रहता है. चलिए आपके बताते हैं कि बाल ठाकरे से जयदेव ठाकरे की दूरियां क्यों बढ़ती गई और कैसे जयदेव बाला साहेब की विरासत से अलग हो गए.
शिंदे के मंच पर बाल ठाकरे का परिवार-
जयदेव ठाकरे शिवसेना के दिवंगत नेता बाल ठाकरे के दूसरे बेटे हैं. दशहरा के मौके पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में रैली की. इस रैली में बाल ठाकरे के दोनों बेटे जयदेव ठाकरे और बिंदुमाधव का परिवार मौजूद रहा. इस मंच पर जयदेव ठाकरे खुद मौजूद रहे. इस रैली में उनकी पूर्व पत्नी स्मिता ठाकरे शामिल हुईं. इतना ही नहीं, बिंदुमाधव के बेटे निहार ठाकरे भी मंच पर नजर आए.
परिवार से जयदेव ठाकरे की बगावत-
जयदेव ठाकरे बाल ठाकरे के दूसरे बेटे हैं. उनकी अपने पिता बाल ठाकरे से संबंध अच्छे नहीं थे. जयदेव ठाकरे ने तीन शादियां की हैं. जब जयदेव ने पहली पत्नी जयश्री कालेकर को तलाक दिया तो बाल ठाकरे बहुत नाराज हुए. इसके बाद से ही दोनों में दूरियां बढ़ने लगी. इस बीच जयदेव ने स्मिता से दूसरी शादी कर ली. जयदेव के मुताबिक स्मिता का राजनीति में इंट्रेस्ट था. लेकिन बाल ठाकरे और परिवार को ये पसंद नहीं था. 6 सितंबर 1995 को बाल ठाकरे की पत्नी मीनाताई की मौत हो गई. इसके बाद स्मिता ठाकरे और सक्रिय हो गईं. इसके साथ जयदेव ठाकरे और स्मित ठाकरे के बीच संबंध और भी बिगड़ गए. नतीजा हुआ कि जयदेव ठाकरे ने साल 1999 में बाल ठाकरे का घर मातोश्री छोड़ दिया और दूसरी जगह रहने लगे. लेकिन स्मिता ठाकरे ने साल 2004 तक मातोश्री में रहीं. जब जयदेव ठाकरे ने स्मित को तलाक दे दिया तो स्मिता ने घर छोड़ दिया. इसके बाद जयदेव ठाकरे ने अनुराधा से तीसरी शादी की. जयदेव ठाकरे से चार बच्चे जयदीप, राहुल, एश्वर्य और माधुरी हैं.
विरासत से बेदखल जयदेव-
जयदेव ठाकरे के घर छोड़ने के एक दशक बाद बाल ठाकरे इस दुनिया को छोड़कर चले गए. 17 नवंबर 2012 को बाल ठाकरे का निधन हुआ था. जयदेव ठाकरे की परिवार के असली बगावत इसके बाद शुरू हुई. जब बाल ठाकरे की वसीयत सामने आई तो जयदेव हैरान रह गए. बाल ठाकरे ने वसीयत में अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा उद्धव ठाकरे के नाम किया था. जबकि कुछ हिस्सा एश्वर्य ठाकरे और माधुरी ठाकरे के नाम पर था. जयदेव ठाकरे ने इस वसीयत को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी. जयदेव ठाकरे ने दावा किया कि बाल ठाकरे ने दिसंबर 2011 में वसीयत पर साइन किए थे और उस वक्त उनकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी. हालांकि जयदेव ठाकरे ने साल 2018 में अपना केस वापस ले लिया.
संपत्ति को लेकर विवाद-
उद्धव ठाकरे के दावे के मुताबिक बाल ठाकरे ने 14.85 करोड़ रुपए की संपत्ति छोड़ी थी. जबकि जयदेव ठाकरे ने दावा किया था कि मातोश्री बंगला की कीमत ही 40 करोड़ है. इसके अलावा भी संपत्ति है. जयदेव ठाकरे ने बाल ठाकरे की कुल संपत्ति 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की बताई थी. वसीयत में मातोश्री बंगला उद्धव ठाकरे ने नाम था. जबकि बंगला का पहला फ्लोर एश्वर्य ठाकरे के नाम पर था. हालांकि जयदेव ठाकरे ने कोर्ट में एश्वर्य ठाकरे को अपना बेटा मानने से इनकार कर दिया था.
बिंधुमाधव के परिवार ने भी छोड़ दिया घर-
साल 1996 में बाल ठाकरे के बड़े बेटे बिंदुमाधव की मौत एक कार हादसे में हुई थी. इसके बाद उनकी पत्नी माधवी ने घर छोड़ दिया. बिंदुमाधव का एक बेटा निहार और बेटी नेहा हैं. बिंदुमाधव के बेटे निहार भी महाराष्ट्र की मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मंच पर मौजूद थे. बिंदुमाधव की सियासत में कोई दिलचस्पी नहीं थी. वो बिजनेस और फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव थे.
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