कौन है जाकिर नाइक, जिससे प्रभावित है गोरखनाथ मंदिर का हमलावर

ज्यादातर आतंकी हमलावर जाकिर नाइक से प्रभावित होते हैं. गोरखनाथ हमले में भी हमलावर के पास से जाकिर नाइक के कुछ वीडियो भी मिले थे. 2016 में हुए ढाका हमले के बाद भी इंडिया टुडे के अनुसार, हमलावरों में से एक ने बांग्लादेशी जांचकर्ताओं को बताया कि वह जाकिर नाइक के YouTube चैनल के जरिए उसकी बातें सुनता था, और उससे काफी ज्यादा प्रभावित था. 

जाकिर नाइक
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 2:11 PM IST
  • भारत में जाकिर नाइक पर हैं कई आरोप
  • मलेशिया सरकार भी है नाइक से परेशान

गोरखनाथ मंदिर के मेन गेट पर पीएसी के दो कांस्टेबलों पर धारदार हथियार से हमला करने वाले आईआईटी स्नातक मुर्तजा अहमद अब्बासी को लेकर सभी एजेंसियां अपने-अपने स्तर से छानबीन करके इनपुट निकाल रही हैं. अहमद के लैपटॉप से मिली सामग्री के आधार पर सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया है कि वो आतंकी संगठन और जाकिर नाइक से कुछ खासा प्रभावित था. उसके पास से जाकिर नाइक के कुछ वीडियो भी मिले थे. राज्य के गृह विभाग ने कहा है कि उपलब्ध सबूतों के आधार पर हमले को "आतंकवादी" घटना कहा जा सकता है. तो चलिए आपके बताते हैं कि आखिर ये जाकिर नाइक है कौन, जो 2016 में देश छोड़कर भाग गया था.

कौन है जाकिर नाइक?
जाकिर नाइक, भारतीय मूल का एक इस्लामी उपदेशक है. एक गैर-अरबी धार्मिक विद्वान और सार्वजनिक वक्ता हैं. वह इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और पीस टीवी नेटवर्क का संस्थापक और अध्यक्ष है. ढाका के एक कैफे में हुए बम धमाके में 22 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद नाइक देश छोड़कर भाग गया था. जिसके बाद मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि बम विस्फोट करने वाले संदिग्ध नाइक के प्रशंसक थे. हालांकि हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी.
इंडिया टुडे के अनुसार, हमलावरों में से एक ने बांग्लादेशी जांचकर्ताओं को बताया कि वह जाकिर नाइक के YouTube चैनल के जरिए उसकी बातें सुनता था, और उससे काफी ज्यादा प्रभावित था. 

भारत में जाकिर नाइक पर हैं कई आरोप
2016 में भारत से भागने के बाद से नाइक भारत कभी नहीं लौटा. उसपर टेरर फंडिंग, अभद्र भाषा, साम्प्रदायिक घृणा भड़काने और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे कई आरोप हैं. जाकिर अपने चैनल पर काफी भड़काऊ भाषण देता है, जिस कारण नाइक का पीस टीवी चैनल भारत, कनाडा, बांग्लादेश, श्रीलंका और यूनाइटेड किंगडम में प्रतिबंधित है. वैसे तो नाइक मलेशिया का स्थानीय निवासी है, लेकिन भारत ने 2020 में राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर उसके भाषण पर प्रतिबंध लगा दिया था. 

मलेशिया सरकार भी है नाइक से परेशान
यहां तक की मलेशिया में भी उसे भड़काऊ भाषण देने और हिंदू और चीनी समुदायों के बारे में टिप्पणी करके शांति भंग करने के आरोप में स्थानीय पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था.  उस वक्त के मलेशियाई प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने कहा था कि जाकिर नायक केवल तब रोका जा सकता है जब ये साबित हो जाए की वो हमारे देश के लिए खतरा है. हालांकि जब प्रधानमंत्री से ये पूछा गया कि अगर नाइक से ऐसी परेशानी है, तो मलेशिया की सरकार उसे देश में रहने क्यों देती है, इस पर उन्होंने कहा कि, "हम एक ऐसी जगह खोजने की कोशिश कर रहे हैं, जहां वह जा सके, लेकिन कोई भी उन्हें स्वीकार नहीं करना चाहता."

नाइक के बेतुके बयान
नाइक को अक्सर उसके विचारों के लिए कड़ी आलोचना मिली है. खासकर उसके अलकायदा और ओसामा बिन लादेन के घोषित समर्थन के बाद. ओसामा के लेकर नाइक ने कहा था कि, "अगर बिन लादेन इस्लाम के दुश्मनों से लड़ रहा है, तो मैं उसके साथ हूं. अगर वह अमेरिका को आतंकित कर रहा है, जो सबसे बड़ा आतंकवादी है, तो मैं उसके साथ हूं. हर मुसलमान को आतंकवादी होना चाहिए." हालांकि मीडिया में इस बयान के सामने आने के बाद उसने सफाई दी थी, कि उसका मतलब कुछ और था. 

समलैंगिकता और घरेलू शोषण पर भी अभद्र टिप्पणियां
इसके अलावा उसने समलैंगिकता पर भी एक विवादास्पद राय दी थी, जिसमें उसने कहा था कि ऐसे लोगों को मौत की सजा देनी चाहिए.  यही नहीं उसने यह कहकर घरेलू शोषण का भी समर्थन किया है कि पुरुषों को अपनी पत्नियों को "धीरे-धीरे" पीटने का अधिकार है. इसके अलावा नाइक ने हर धर्म को 'गलत' बताते हुए गैर-मुस्लिम धार्मिक स्थलों को तोड़े जाने पर इस्लामिक स्टेट का समर्थन किया था. नाइक ने कहा था कि, "हम इस्लामिक राज्य में चर्च या मंदिर को कैसे अनुमति दे सकते हैं जब उनका धर्म गलत है और जब उनकी पूजा गलत है."


 

 

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