Farmers Protest: आखिर फिर किसानों ने दिल्ली कूच करने का क्यों किया है ऐलान, Haryana के 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद, Delhi Police अलर्ट

Delhi Chalo March: किसान संगठनों ने अपनी मांगों की पूर्ति के लिए 13 फरवरी 2024 को दिल्ली चलो मार्च का ऐलान किया है. यदि ऐसा हुआ तो एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर में किसानों का जमघट लग सकता है. इससे आम लोगों को परेशानी हो सकती है.

Farmers Protested (file photo)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:16 PM IST
  • किसानों ने 13 फरवरी दिल्ली आने का किया है ऐलान 
  • तीन केंद्रीय मंत्री किसानों से चंडीगढ़ में करेंगे बात

पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के किसान एक बार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने के मूड में आ गए हैं. किसानों ने 13 फरवरी 2024 को दिल्ली चलो मार्च का ऐलान किया है. केंद्र सरकार बातचीत से समस्या का हल खोजने की बात कह रही है. उधर, खुफिया रिपोर्ट के बाद पुलिस अलर्ट है.

मंगलवार को धारा 144 लगाने का ऐलान
खुफिया विभाग ने जानकारी दी है कि मंगलवार को 2000 ट्रैक्टरों पर सवार होकर करीब 20,000 किसान दिल्ली में घुसने की कोशिश कर सकते हैं. पुलिस को आशंका है कि किसानों के आंदोलन के बहाने असामाजिक तत्व भी दिल्ली में घुस सकते हैं. दिल्ली का माहौल खराब कर सकते हैं. 

इसको देखते हुए दिल्ली की पुलिस ने दिल्ली और यूपी से लगने वाली सभी सीमाओं पर मंगलवार को धारा 144 लगाने का ऐलान किया है. इस दिन यूपी से ट्रैक्टर, ट्रॉली, ट्रक, बस और कमर्शियल वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी. 26 जनवरी 2021 को किसानों और दिल्ली में पुलिस के बीच झड़प हुई थी. दिल्ली में एक बार फिर वैसा ही माहौल न बने इसके लिए दिल्ली पुलिस खास तैयारी कर रही है. 

हरियाणा के 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद
किसानों के दिल्ली चलो मार्च का ऐलान करने के बाद हरियाणा सरकार काफी एहतियात बरत रही है. अंबाला के पास शंभू में पंजाब के साथ लगती सीमा को सील कर दिया गया है. इतना ही नहीं 7 जिलों कुरुक्षेत्र, अंबाला, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में 13 फरवरी 2024 तक मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है. 

जींद में हरियाणा-पंजाब सीमा के पास दो सड़कों को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है. फतेहाबाद जिले में पुलिस ने पंजाब से आने वाले किसानों को रोकने के लिए सड़क पर सीमेंट के अवरोधक और कील वाली पट्टियां भी लगा दी हैं. हरियाणा पुलिस ने राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां तैनात की हैं. 

किसान संगठनों के नेताओं से बातचीत करेंगे ये मंत्री
किसानों से बातचीत करने के लिए मोदी सरकार तीन केंद्रीय मंत्रियों को 12 फरवरी को चंडीगढ़ भेजेगी. ये मंत्री किसान संगठनों के नेताओं से बातचीत कर उनकी मांगों पर विचार करेंगे. दिल्‍ली चलो मार्च को स्‍थगित करने के लिए कहेंगे. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, मंत्री नित्‍यानंद राय और मंत्री अर्जुन मुंडा को किसानों से बातचीत कर समस्या का हल निकालने की जिम्मेदारी दी गई है. 

क्या है किसानों की मांगें
1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी की मांग. 
2. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए. इस आयोग के निर्देश पर सभी फसलों की कीमतें C2+50% फॉर्मूले के अनुसार तय की जाएं.
3. कृषि ऋण माफ की जाए. 
4. लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय मिले. 
5. इंडिया को डब्ल्यूटीओ से बाहर आना चाहिए, कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाना चाहिए. 
6. विदेशों से और प्राथमिकता के आधार पर भारतीय किसानों की फसलों की खरीद की जाए.
7. किसानों और 58 वर्ष से अधिक आयु के कृषि मजदूरों के लिए पेंशन योजना लागू करके 10,000 रुपए प्रति माह की पेंशन दी जाए.
8. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार के लिए सरकार की ओर से स्वयं बीमा प्रीमियम का भुगतान करना, सभी फसलों को योजना का हिस्सा बनाना और नुकसान का आकलन करते समय खेत एकड़ को एक इकाई के रूप में मानकर नुकसान का आकलन करना.
9. भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को उसी तरीके से लागू किया जाना चाहिए और भूमि अधिग्रहण के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को दिए गए निर्देशों को रद्द किया जाना चाहिए.
10. मनरेगा के तहत हर साल 200 दिनों के लिए रोजगार उपलब्ध कराई जाए. मजदूरी बढ़ाकर 700 प्रति दिन की जाए और इसमें कृषि को शामिल किया जाए.
11. कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में
सुधार किया जाए. 
12. नकली और घटिया उत्पादों का निर्माण और बिक्री करने वाली कंपनियों पर दंड लगाकर उनका लाइसेंस रद्द किया जाए.


 

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