Hindi Diwas 2023: 14 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस, क्या है इसका इतिहास और महत्व, यहां पढ़ें इस भाषा से जुड़ी अनोखी जानकारी

Hindi Diwas 2023 Kab Hai: भारत में 22 भाषाएं और 72507 लिपियां हैं. एक देश में इतनी सारी भाषाओं और विविधताओं के बीच हिंदी वह भाषा है, जो हिंदुस्तान को जोड़ती है. सभी राज्यों में बसे जनमानस को हिंदी के महत्व से जागरूक करने और इसके प्रचार-प्रसार के लिए हिंदी दिवस मनाया जाता है.

हिंदी दिवस
मिथिलेश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:25 PM IST
  • आधिकारिक तौर पर पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था
  • 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस किया जाता है सेलिब्रेट 

History of Hindi Diwas: पूरे देश में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है. हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के मकसद से यह दिवस मनाया जाता है. भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था. आधिकारिक तौर पर पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था. इसके अलावा 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस सेलिब्रेट किया जाता है. आइए आज हिंदी भाषा से जुड़ी अनोखी जानकारियों के बारे में जानते हैं. 

भारत की राजभाषा है हिंदी 
संविधान सभा ने लंबी चर्चा के बाद 14 सितंबर को ये फैसला लिया था कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी. संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में इसका उल्लेख है. इसके अनुसार भारत की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी है. फिलहाल देश में 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला हुआ है.

विश्व में सबसे अधिक बोली जानी वाली भाषा में हिंदी तीसरे स्थान पर 
हिंदी देश की पहली और विश्व की ऐसी तीसरी भाषा है, जिसे सबसे ज्यादा बोला जाता है. भारत में 70 फीसदी से भी ज्यादा लोग हिंदी बोलते हैं. कई रिपोर्ट्स क मानें तो दुनिया भर में 600 मिलियन लोग एक दूसरे से संचार करने के लिए हिंदी भाषा का प्रयोग करते हैं. 

फारसी शब्द हिंद से बनी हिंदी
हिंदी का नाम फारसी शब्द हिंद से लिया गया है, जिसका अर्थ है सिंधु नदी की भूमि. फारसी बोलने वाले तुर्क जिन्होंने गंगा के मैदान और पंजाब पर आक्रमण किया, 11वीं शताब्दी की शुरुआत में सिंधु नदी के किनारे बोली जाने वाली भाषा को हिंदी नाम दिया था. यह भाषा भारत की आधिकारिक भाषा है और संयुक्त अरब अमीरात में एक मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक भाषा है.

हिंदी को विशेष दर्जा दिलवाने में इनका रहा योगदान
14 सितंबर को हिंदी के महान साहित्यकार व्यौहार राजेंद्र सिंह का जन्मदिन भी है. इसलिए इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. हिंदी को विशेष दर्जा दिलवाने में गोविंद दस, हजारीप्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर और मैथिलीशरण गुप्त का अहम योगदान रहा है. साल 1918 में महात्मा गांधी ने एक हिंदी साहित्य सम्मेलन के दौरान हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कहा था.

क्यों मनाते हैं हिंदी दिवस
भारत में कई भाषाएं और लिपियां हैं, लेकिन हिंदी भाषा भारत के सभी राज्यों को और विदेशों में बसे भारतीयों को आपस में जोड़ने का कार्य करती है. अंग्रेजी भाषा के बढ़ने महत्व और हिंदी के प्रचलन में कमी को देखते हुए भी हिंदी दिवस मनाया जाता है, ताकि हिंदी की अनदेखी को रोका जा सके. आम बोलचाल में हिंदी भाषा का उपयोग कम होने लगा है, इसे बढ़ावा देने और आने वाली पीढ़ियों को हिंदी के प्रति प्रेरित करने के लिए भी हिंदी दिवस मनाया जाता है. महात्मा गांधी ने तो हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था. 

कैसे मनाते हैं हिंदी दिवस
हिंदी दिवस के दिन पूरे देश में कई साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें लोग हिंदी साहित्य के महान कार्यों का जश्न मनाते हैं. हिंदी को बढ़ावा देने के लिए सभी सरकारी कार्यालयों में अंग्रेजी के स्थान पर हिंदी भाषा का उपयोग होता है. इस दिन हिंदी के महत्व पर वाद-विवाद होता है. हिंदी के प्रति लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है. इस दिन हिंदी से जुड़े लोगों को पुरस्कृत किया जाता है.  स्कूलों और कॉलेजों में भी हिंदी दिवस के महत्व को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

इसलिए हिंदी नहीं बन पाई देश की राष्ट्रभाषा
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था. वह चाहते थे कि हिंदी राष्ट्रभाषा बने. उन्होंने 1918 में आयोजित हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने के लिए कहा था. आजादी मिलने के बाद लंबे विचार-विमर्श के बाद आखिरकार 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा बनाने का फैसला लिया गया. हिंदी का राष्ट्रभाषा बनाए जाने के विचार से बहुत से लोग खुश नहीं थे खासतौर पर दक्षिण भारतीय. कइयों का कहना था कि सबको हिंदी ही बोलनी है तो आजादी के क्या मायने रह जाएंगे. ऐसे में हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं बन सकी. राजभाषा होने के चलते राज्य इसे अपने राजकाज के काम में लाते हैं.

ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में हर साल मिल रही जगह
दुनिया की सबसे प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी (शब्दकोश) हर साल भारतीय शब्दों को जगह दे रही है. ऑक्सफोर्ड में आत्मनिर्भरता, चड्डी, बापू, सूर्य नमस्कार, आधार, नारी शक्ति, अच्छा, अरे यार!', भेलपूरी, चूड़ीदार, ढाबा, बदमाश, चुप, फंडा, चाचा, चौधरी, चमचा, दादागीरी, जुगाड़, पायजामा, कीमा, पापड़, करी, चटनी, अवतार, चीता, गुरु, जिमखाना, मंत्र, महाराजा, मुगल, निर्वाण, पंडित, ठग, बरामदा जैसे शब्दों को जगह मिल चुकी है.

हिंदी में प्रचलित ये शब्द आए हैं दूसरी भाषाओं से 
ट्रेन (अंग्रेजी), मोबाइल (अंग्रेजी), चाय (मंदारिन), रिक्‍शा (जापानी), चाबी (पुर्तगाली), साइकिल (अंग्रेजी), टैब (अंग्रेजी), इंटरनेट (अंग्रेजी), क्वारंटाइन (अंग्रेजी), मोटर (अंग्रेजी), पंप (अंग्रेजी), स्‍टेशन (अंग्रेजी), पुलिस (अंग्रेजी), सर्कस (अंग्रेजी), नंबर (अंग्रेजी), कार (अंग्रेजी), बिल (अंग्रेजी), प्रिंसिपल (अंग्रेजी), डॉक्टर (अंग्रेजी).

हिंदी के बारे में जानिए ये बातें
1. हिंदी की पहली कविता प्रख्यात कवि अमीर खुसरो ने लिखी थी. हिंदी भाषा के इतिहास पर पुस्तक लिखने वाले पहले लेखक भारतीय नहीं, बल्कि एक फ्रांसीसी लेखक Grasim the Taisi थे.
2. 1977 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गर्व के साथ हिंदी भाषा के प्रति सम्मान दिखाते हुए संयुक्त राष्ट्र में हिंदी भाषा में भाषण  प्रस्तुत किया था.
3. ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में 'अच्छा' और 'सूर्य नमस्कार' जैसे कई हिंदी शब्दों को शामिल किया गया है.
4. हिंदी में पहली फिल्म राजा हरिशचंद्र थी.
5. 2009 में गूगल ने अपने सर्च इंजन में हिंदी की शुरुआत की थी.
6. भारत के अलावा भारत, फिजी के अलावा मॉरीशस, फिलीपींस, अमेरिका, न्यूजीलैंड, यूगांडा, सिंगापुर, नेपाल, गुयाना, सुरिनाम, त्रिनिदाद, तिब्बत, दक्षिण अफ्रीका, सूरीनाम, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और पाकिस्तान में कुछ परिवर्तनों के साथ ही सही लेकिन हिंदी बोली और समझी जाती है.

दुनिया की इन टॉप 5 यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई जाती है हिंदी
1. वाशिंगटन यूनिवर्सिटी: अमेरिका की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में हिंदी भाषा में स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों ही कोर्सेज किए जा सकते हैं. हिंदी में वहां से पीएचडी कोर्स के लिए अप्लाई किया जा सकता है.
2. लंदन विश्वविद्यालय: लंदन यूनिवर्सिटी में भी हिंदी में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट दोनों लेवल के कोर्स चलाए जा रहे हैं.
3. शिकागो यूनिवर्सिटी: शिकागो विश्वविद्यालय में हिंदी में एक साल, दो साल, तीन साल और चार साल का कोर्स चलाए जा रहे हैं. इनके अलावा यहां पर हिंदी साहित्य और कल्चर पर आधारित एडवांस्ड कोर्स भी कराए जाते हैं.
4. कॉर्नेल विश्वविद्यालय: इस अमेरिकी विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा में कोर्स चलाए जा रहे हैं.
5. टोक्यो यूनिवर्सिटी: टोक्यो यूनिवर्सिटी में 1909 से हिंदी पढ़ाई जा रही है.

हिंदी को बढ़ावा देने के लिए क्या करें
1. यदि हम कोई व्यवसाय करते हैं तो हम कोशिश कर सकते हैं कि समस्त साइन बोर्ड, नाम पट्टिकाएं, काउंटर बोर्ड, सूचना पट्ट आदि को हिंदी में अवश्य ही लिखें. 
2. सभी पपत्रों, दस्तावेजों, मुद्रित सामग्री और अन्य लेखन सामग्री हिंदी में मुद्रित (प्रिंट) करवाए जाएं. हो सके तो व्यवसायिक और व्यक्तिगत पत्रों को हिंदी में ही लिखा जाए.
3. विजिटिंग कार्ड पूर्ण रुप से आकर्षक हिंदी में लिखे जाएं. यदि पूर्ण रुप से हिंदी में लिखना संभव नहीं है तो कुछ तो हिंदी मे होना ही चाहिए (कम से कम आप का नाम तो आकर्षक हिंदी में हो सकता है).
4. लिखने में आसान हिंदी का प्रयोग करें ताकि सभी लोग समझ सकें.
5. हिंदी का वाक्यों में संस्कृत के कठिन शब्दों का अनावश्यक प्रयोग न करें.
6. हिंदी के वाक्यों में अंग्रेजी की वाक्य संरचना से बचें अर्थात वाक्य रचना हिंदी भाषा की प्रकृति के अनुसार ही होनी चाहिए. वह अंग्रेजी मूल का अटपटा अनुवाद नहीं होना चाहिए.
7. यदि आप को हिंदी में लिखने में कठिनाई या झिझक है तो इसके लिए शुरूआत छोटी-छोटी टिप्पणियों को हिंदी में लिख कर करनी चाहिए.
8. हमें अंग्रेजी में सोचकर हिंदी में नहीं लिखना चाहिए. कोशिश यह होनी चाहिए कि हिंदी में ही सोच कर हिंदी में  लिखें.
9. कोशिश करें कि मौलिक रुप से हिंदी लेखन करें. अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद का सहारा बहुत कम लेना चाहिए क्योंकि दोनों भाषाओं की शैली अलग-अलग है. खासकर मशीनी अनुवाद जैसे कि गूगल अनुवाद में काफी गलतियां हो सकती हैं.

 

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