Jaya Bachchan: बार-बार जया बच्चन ही राज्यसभा क्यों? जानिए इनसाइड स्टोरी

जया बच्चन एक बार फिर राज्यसभा जाने की तैयारी में हैं. सपा ने उन्हें 5वीं बार अपना उम्मीदवार बनाया है. पार्टी के भीतर भी इसको लेकर आलोचना हो रही है. दरअसल जया बच्चन की यादव परिवार से घनिष्ठता है, वो डिंपल यादव की पसंदीदा मानी जाती हैं.

Jaya Bachchan
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 26 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:29 PM IST

जया बच्चन 5वीं बार राज्यसभा जाने की तैयारी में हैं. समाजवादी पार्टी ने उन्हें पांचवीं बार अपना उम्मीदवार बनाया है लेकिन सबसे ज्यादा आलोचना समाजवादी पार्टी के भीतर इसी बात की हो रही है कि आखिर ऐसा जया बच्चन में है क्या जिसकी वजह से पार्टी लगातार उन्हें राज्यसभा भेज रही है. जबकि कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता दरकिनार किए गए हैं.


पार्टी के भीतरी आवाज सिर्फ सहयोगी दलों से ही नहीं बल्कि पार्टी कैडर से भी उठी है.पार्टी के सोशल मीडिया पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस फैसले को लेकर अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेताओं की खूब आलोचना की लेकिन उसे धार दिया था. पलवी पटेल यूं तो तकनीकी रूप से समाजवादी पार्टी की विधायक हैं लेकिन उनकी अपनी पार्टी अपना दल (कमेरावादी)ने तो अपना स्टैंड ही साफ कर दिया था कि वह किसी सूरत में रंजन और बच्चन को वोट नहीं करेंगी.

इसकी कई सारी वजह हो सकती हैं.आखिर समाजवादी पार्टी ने जया बच्चन को लगातार पांचवी बार क्यों दिया टिकट.

वजह नं-1
जया बच्चन का पांचवीं बार राज्यसभा के लिए उम्मीदवारी के पीछे की सबसे बड़ी वजह यादव परिवार के साथ उनकी घनिष्ठता है. मुलायम सिंह ने चार बार उन्हें राज्यसभा भेजा और माना जाता है कि जया बच्चन के इस परिवार से वैचारिक और पारिवारिक निकटता बेहद ज्यादा है.यहां तक की अमर सिंह जब परिवार से बाहर कर दिए गए तब भी जया बच्चन ने मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार को नहीं छोड़ा.

वजह नं-2
दरअसल जया बच्चन डिंपल यादव की पसंद मानी जाती हैं. माना जाता है कि सदन के भीतर डिंपल यादव और जया बच्चन की केमिस्ट्री बिल्कुल परफेक्ट है.डिंपल यादव के अलावा रामगोपाल यादव भी बच्चन के पक्ष में रहे हैं.

वजह नं- 3
दूसरी बड़ी वजह जया बच्चन उस आधी आबादी से आती है जिसका प्रतिनिधित्व समाजवादी पार्टी दिखाना चाहती है यानी महिला कोटे में उन्हें माना जाता है.

वजह नं-4
जया बच्चन एक सेलिब्रिटी स्टेटस रखती हैं और पार्टी को लगता है कि राज्यसभा में वह एक ऐसा चेहरा है जो विचारों को लेकर भी अधिक है और पार्टी के भीतर कला और संस्कृति का भी वह प्रतिनिधित्व करती नजर आती हैं.

वजह नं -5
पार्टी के भीतर एक और वजह यह मानी जाती है कि जया बच्चन पार्टी के आंतरिक मामलों में कहीं किसी तरीके का हस्तक्षेप नहीं करती. फिर चाहे पार्टी का संगठन हो,पार्टी का टिकट बटवारा हो या फिर राज्यसभा सांसद के तौर पर उन्हें विकास के काम कराने हो जैसा पार्टी तय कर देती है उसमें जया बच्चन कोई हस्तक्षेप नहीं करती.हां लेकिन विचारों को लेकर वह कोई समझौता नहीं करती हैं.

आखिर में समाजवादी पार्टी को यह भी लगता है कि महिलाओं की प्रगतिशील आवाज के तौर पर जया बच्चन का चेहरा देश में काफी बड़ा है. ऐसे में पार्टी लगातार उन्हें राज्यसभा भेज रही है.

पार्टी के प्रवक्ता उदयवीर सिंह कहते हैं कि समाजवादी पार्टी में महिला चेहरे के तौर पर जया बच्चन का चेहरा सबसे बड़ा है वह पार्टी का पक्ष उच्च सदन में बहुत मजबूती से रखती हैं और पार्टी की विचारधारा से पूरी तरीके से जुड़ी हुई हैं. वह हमारे सामाजिक  सांस्कृतिक और राजनीतिक विचारों का प्रतिनिधित्व करती हैं ऐसे में पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी लगातार पांचवीं बार बनाया है, इसमें कोई बुराई नहीं है.

पार्टी को झेलनी पड़ रही आलोचना
हालांकि PDA की बात करने और एक भी ओबीसी और मुस्लिम को तीन लोगों की राज्यसभा की उम्मीदवारी में शामिल न करने पर समाजवादी पार्टी को चौतरफा आलोचनाएं झेलनी पड़ रही है. समाजवादी पार्टी का कहना है कि लोकसभा के उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा PDA है,ओबीसी और दलितों को सबसे ज्यादा टिकट दिया जा रहा है. इसके अलावा अभी माना जा रहा है कि विधान परिषद के तीन सीटों में समाजवादी पार्टी दो मुस्लिम चेहरों को उतार सकती है,ताकि वह इन आलोचनाओं का सामना कर सके.

आज पार्टी ने राज्यसभा की उम्मीदवारी में जया बच्चन पर हुई आलोचनाओं को देखते हुए सभी उम्मीदवारों के लिए 37-37-37 वोट तय कर दिए,ताकि किसी के प्रति पक्षपात का आरोप न लग सके.इस वजह से उम्मीदवारों में फर्स्ट सेकंड या थर्ड की कोई वरीयता नहीं रखी गई है. पार्टी का कहना है की सभी के लिए बराबर वोट तय किए गए हैं ऐसे में जो अपने वोट डलवा ले जाएंगे वह जीतेंगे और जिनके वोट कम पड़ गए वह हार सकते हैं. अब देखना यह है कि जया बच्चन के कोटे में आए विधायक उन्हें वोट देते हैं या फिर क्रॉस वोटिंग कर जाते हैं.

 

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