Delhi Air Pollution: क्या दिवाली से शुरू हो जाएगा दिल्ली का प्रदूषण राउंड 2? क्या कहते हैं हालात

शुक्रवार को दिल्ली की बारिश ने दिल्ली-एनसीआर वासियों को थोड़ी राहत जरूर दी है. लेकिन ये मौसम कब तक रहेगा इसके बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है. दरअसल दिवाली के बाद पटाखों के धुएं और अन्य कारणों की वजह से मौसम फिर से खराब हो सकता है.

Delhi Rain
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 4:52 PM IST

दिल्ली में प्रदूषण से शुक्रवार की बारिश ने एक बड़ी राहत दिलवाई. बारिश के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स कई जगहों पर 100 से काफी नीचे आ गया. लेकिन सबके जहन में सवाल यह है कि प्रदूषण से मिली यह राहत कितनी लंबी चलने वाली है? बारिश ने प्रदूषण के कारकों को धो दिया और हवाओं ने आगे और सफाई कर दी. लेकिन प्रदूषण से यह राहत लंबी चलने वाली है या दोबारा प्रदूषण दिल्ली में जल्द वापस लौटेगा. इसका जवाब कौन देगा. क्या मौसम के बदलाव ने दिल्ली वालों को प्रदूषण से राहत दी? क्या इस किस्म का बदलाव दिल्ली में दोबारा प्रदूषण की वापसी करवा सकता है?

दिवाली का धुआं क्या प्रदूषण वापस लेकर आएगा
दरअसल दिल्ली में बारिश और तेज हवाओं का दौर शुक्रवार की शाम से कम पड़ने लगेगा. शनिवार सुबह तक मौसम बिल्कुल साफ हो जाएगा. मौसम के साफ होते ही हवाओं का रुख भी बदल जाएगा और रफ्तार भी. रफ्तार जहां फिर से रुक सी जाएगी. वहीं एक बार फिर से एंटी साइक्लोनिक सिस्टम हवा की दिशा पश्चिम और उत्तर पश्चिम से कर देगा. ये वही दिशा है जहां से हवाएं अपने साथ पराली से होने वाला प्रदूषण लेकर के आती हैं. भारतीय मौसम विभाग की सीनियर वैज्ञानिक सोमा सेन रॉय बताती हैं, "दिल्ली में होने वाली बारिश पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हो रही है जिसका असर शुक्रवार शाम के बाद लगभग खत्म हो जाएगा. इसके साथ ही हवा में मौजूद नमी भी गायब हो जाएगी. हवा की रफ्तार भी धीमी रहेगी.

तापमान में 4 डिग्री तक की गिरावट देखने को मिलेगी. हालांकि मौसम विभाग सीधे-सीधे प्रदूषण पर तो कुछ नहीं बोल रहा है लेकिन जितने भी मानक शनिवार से सक्रिय होंगे वो यही इशारा कर रहे हैं कि दिवाली के दिन और उसके बाद प्रदूषण बढ़ेगा.

दिवाली के बाद कितने दिनों तक बारिश का करना होगा इंतजार 
दिल्ली में शुक्रवार को आए वेस्टर्न डिस्टरबेंस के बाद हाल-फिलहाल कोई बारिश की संभावना नहीं है. कम से कम अगले सात दिनों यानि 17 नवंबर तक कोई भी सिस्टम सक्रिय होता दिखाई नहीं दे रहा है. तापमान गिरने से टेंपरेचर इन्वर्जन भी देखने को मिलने की संभावना है. यानि ऐसी हालत में वातावरण में मौजूद धूल के कण ऊपर नहीं जाते हैं. ये जमीन के आस-पास ही अटके हुए होते हैं. हवा की रफ्तार यानि होरिजंटल विंड स्पीड भी 5-6 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा रहने की उम्मीद नहीं है. इसका मतलब ये हुआ कि अगर लोगों ने दिवाली पर खूब सारे पटाखे जलाए तो धुंआं वातावरण में घुसेगा और बाहर नहीं निकल पाएगा. दिवाली के बाद पॉल्यूशन 2.0 आ सकता है. 

(कुमार कुणाल की रिपोर्ट)

 

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