अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से ही वहां की महिलाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है. इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से एक टीम तालिबान नेताओं से बातचीत के लिए अफगानिस्तान की राजधानी काबुल भेजी गई है. इस टीम में खास बात ये है कि इसमें महिला IFS ऑफिसर दीप्ति झरवाल को भी भेजा गया है. भारत की तरफ से एक महिला का जाना इसलिए भी जरूरी था, क्योंकि तालिबान महिलाओं को किसी भी पहलू में शामिल करने और उन्हें हर जगह आगे करने के खिलाफ है. दीप्ति ने तालिबानी नेताओं से मिलकर उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं.
कौन हैं दीप्ति झरवाल?
दीप्ति झारवाल, विदेश मंत्रालय के महत्वपूर्ण पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान डिवीजन में अफगानिस्तान के लिए डेस्क अधिकारी हैं. वो अफगान लोगों के लिए भारत की तरफ से भेजी गई मानवीय सहायता के बारे में चर्चा करने के लिए गुरुवार को काबुल भेजी गई छोटी टीम का हिस्सा थीं. वो भारतीय विदेश सेवा (Indian Foreign Services) के 2011 बैच की अधिकारी है. दीप्ति झारवाल ने तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के साथ एक बैठक में भाग लिया और काबुल में हबीबिया हाई स्कूल का दौरा किया जिसका कुछ साल पहले भारत सरकार ने दोबारा से निर्माण कराया था. दीप्ति झारवाल इससे पहले इटली में भारतीय दूतावास में भी काम कर चुकी हैं.
महिला अधिकारी भेज कर भारत ने दिया है स्पष्ट संकेत
पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान डिवीजन के प्रमुख, संयुक्त सचिव जेपी सिंह के नेतृत्व में गई टीम ने तालिबान के वरिष्ठ सदस्यों से मुलाकात की और भारत की मानवीय सहायता पर चर्चा की. इस टीम में सुरक्षा एजेंसियों के भी प्रतिनिधि शामिल थे, जिन्होंने भारतीय समर्थन से चल रहे बच्चों के अस्पताल, स्कूल और एक बिजली संयंत्र का भी दौरा किया. इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि काबुल गई इस टीम में महिला राजनयिक का शामिल होना तालिबान के लिए एक स्पष्ट संकेत था कि जीवन के सभी पहलुओं में अफगान महिलाओं और बच्चों को शामिल करना जरूरी है. जबकि पश्चिमी देशों से काबुल भेजे गए कई प्रतिनिधिमंडलों में महिला अधिकारी नहीं मौजूद थीं.
विदेश मंत्रालय की तस्वीरों में नजर आईं दीप्ति
विदेश मंत्रालय ने जितनी भी तस्वीरें जारी की हैं, उन सभी में दीप्ति झरवाल नजर आ रही है. हालांकि उन्होंने उनमें से एक को छोड़कर सभी में एक मास्क पहना हुआ था. एक तस्वीर में वह मुत्ताकी के सामने तिरछे बैठी नजर आ रही हैं. हालांकि वह तालिबान की तरफ से भारतीय टीम की व्यस्तताओं की जारी किसी भी तस्वीर में नहीं दिखी.
सत्ता में आने के बाद तालिबान ने लगाए कई प्रतिबंध
गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में सत्ता में आने के बाद से, तालिबान ने किशोर लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया है और महिला विश्वविद्यालय की छात्रों को लिंग-पृथक प्रणाली के तहत कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दी है. तालिबान में महिलाओं पर प्रतिबंध हाल के महीनों में और बढ़ा दिया गया है. फिलहाल वहां पर पुरुष अभिभावक के बिना लंबी दूरी की यात्रा करने की अनुमति नहीं है. उसके अलावा महिला टीवी एंकरों को बिना मास्क पहने एंकरिंग करने की भी अनुमति नहीं है.
मुत्ताकी के अलावा, भारतीय टीम ने कार्यवाहक उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टैनिकजई से भी मुलाकात की, जिन्होंने "भारतीय पक्ष को आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान, अपनी संतुलित विदेश नीति पर विचार करते हुए, भारत के साथ एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय देश के रूप में राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाना चाहता है."