महाराष्ट्र के यवतमाल में एक आम किसान परिवार की किस्मत एक पेड़ ने बदल दी है. रातोंरात यह परिवार करोड़पति बनने वाला है. इस पेड़ की कहानी की शुरुआत करीब 12 साल पहले तब हुई जब रेलवे ने यवतमाल जिले के पुसद तहसील के खुर्शी गांव के किसान केशव शिंदे की जमीन का अधिग्रहण किया. इस जमीन पर एक पेड़ सालों से खड़ा था. अधिग्रहण के दौरान विशेषज्ञों ने खेत में खड़े इस पेड़ का सर्वेक्षण किया तो बताया कि यह पेड़ रक्त चंदन प्रजाति का है. इसकी कीमत 4 करोड़ 97 लाख रुपये है. इसके बाद, किसान केशव शिंदे और उनके परिवार के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा.
कोर्ट में गया मामला
हालांकि, तब रेलवे ने जमीन का अधिग्रहण तो कर लिया लेकिन परिवार को पेड़ की कीमत नहीं दी. तब नवंबर 2024 में परिवार ने हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग ने कोर्ट के आदेश पर 1 करोड़ रुपये जमा कराए, जिसमें से किसान परिवार को अब 50 लाख रुपये निकालने की इजाजत मिल गई है. इसके साथ ही कोर्ट ने 7 जुलाई 2028 तक पेड़ की कीमत का मूल्यांकन कर किसान परिवार को पूरा मुआवजा देने का निर्देश दिए हैं.
करिश्माई पेड़ की वजह से किसान परिवार को करोड़ों की लॉटरी लगे हुए एक दशक से ज्यादा का समय बीत चुका है. लेकिन परिवार को अब तक रकम नहीं मिल पाई है. हाईकोर्ट बेंच के आदेश के बाद उम्मीद जगी है कि पेड़ की बाकी रकम भी जल्द मिलेगी जिससे परिवार अपने सपने पूरे कर सकेगा.
पता ही नहीं थी पेड़ की कीमत
किसान पंजाब शिंदे ने कहा कि सालों तक उन्हें पता ही नहीं था कि यह पेड़ रक्तचंदन प्रजाति का है. जब उनकी जमीन का अधिग्रहण हुआ तब कर्नाटक के कुछ लोगों ने उन्हें इस बारे में बताया. लेकिन रेलवे ने पैसे नहीं दिए तब उन्हें कोर्ट जाना पड़ा. यह करीब 100 साल पुराना पेड़ अब इस परिवार की किस्मत बदलने की चाबी बन गया है. इस किसान परिवार ने कभी सोचा भी नहीं था कि एक पेड़ उनकी किस्मत बदल सकता है.