UP: योगी सरकार ने Digital Crop Survey में दिए तेजी लाने के निर्देश, जानें इससे किसानों की कैसे होगी तरक्की

Digital Crop Survey से फसल के सटीक आंकड़े प्राप्त होंगे. किस फसल का उत्पादन कम है या अधिक होगा, इसकी जानकारी मिल जाएगी. सटीक रिपोर्टिंग से कृषि सेक्टर की जीडीपी भी बढ़ेगी. 

योगी सरकार का लक्ष्य है किसानों की आय को बढ़ाना है (फाइल फोटो)
समर्थ श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 03 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:16 PM IST
  • 10 राजस्व ग्रामों में 15 दिनों में सर्वे पूरा करने के निर्देश
  • मिर्जापुर में सबसे अधिक 2607 प्लॉट्स में डिजिटल क्रॉप सर्वे 

उत्तर प्रदेश में डिजिटल क्रॉप सर्वे को लेकर योगी सरकार ने और तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. जिन 21 जिलों में सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है, वहां डीएम की अगुवाई में सभी गांवों में क्रॉप सर्वे को समय से पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए हैं. सर्वे के काम में तेजी लाने के लिए सर्वेयर की संख्या बढ़ाने को भी कहा गया है. 

10 सेक्टर्स में हेल्प डेस्क 
यह भी निर्धारित किया गया है कि प्रति सर्वेयर माह में 1500 प्लॉट्स और 45 दिन में 2250 प्लॉट्स का सर्वे सुनिश्चित किया जाए. साथी ही, 54 जिलों के 10 राजस्व ग्रामों में आगामी 15 दिनों में सर्वे पूरा करने के भी निर्देश दिए गए हैं. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में डिजिटल क्रॉप सर्वे प्रगति पर है. इसके लिए स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (एसपीएमयू) की स्थापना की गई है, जबकि 10 सेक्टर्स में हेल्प डेस्क भी संचालित की जा रही है. सर्वेयर्स को इंटरनेट कनेक्टिविटी और पावर पैक से जोड़ा गया है.

मिर्जापुर में सबसे अधिक प्लॉट्स के सर्वे
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष कृषि विभाग के प्रस्तुतिकरण में बताया गया है कि 21 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे पूर्ण कर लिया गया है, जबकि 54 जिलों में यह प्रगति पर है. इसमें मिर्जापुर में सर्वाधिक 2607 प्लॉट्स में डिजिटल क्रॉप सर्वे कर लिया गया है. इसके बाद प्रतापगढ़ (2543), सुल्तानपुर (2370), जालौन (2047), झांसी (2027), फर्रूखाबाद (1486), फिरोजाबाद (1183), गाजीपुर (1147), देवरिया (1136) और ललितपुर (1124) शामिल है. मिर्जापुर में सर्वाधिक 17 राजस्व ग्रामों में डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जा चुका है.

सटीक रिपोर्टिंग से कृषि सेक्टर की बढ़ेगी जीडीपी
डिजिटल क्राप सर्वे की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि सर्वे कार्य की सही रिपोर्टिंग राजस्व कर्मियों के काम को आसान और बेहतर बनाने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर ई-सर्वे कराया जा रहा है. उन्होंने ई-पड़ताल का नाम ई-खसरा (ई-पड़ताल) रखने के निर्देश दिए हैं.  उन्होंने कहा कि ई-पड़ताल के तमाम फायदे हैं. प्राप्त आंकड़ों का उपयोग प्लानिंग टूल के रूप में किया जाएगा. 

इससे न केवल फसल के सटीक आंकड़े प्राप्त होंगे और रियल टाइम होंगे, बल्कि किस फसल का उत्पादन कम है या अधिक होगा, इसकी जानकारी पहले से होने से कार्रवाई की जा सकेगी. सटीक रिपोर्टिंग से जनपद के कृषि सेक्टर की जीडीपी भी बढ़ेगी. बैठक में बताया गया कि सभी 75 जनपदों (21 जनपदों में पूर्ण रूप से और 54 जनपदों के 10 राजस्व ग्राम) में खरीफ फसल के डिजिटल क्राप सर्वे का कार्य शुरू हो गया है. 534 राजस्व ग्रामों में सर्वे का कार्य चल रहा है. 75 राजस्व ग्रामों का सर्वे का कार्य पूर्ण भी हो चुका है. सर्वे में कहीं कोई बड़ी (मेजर) समस्या नहीं है, छोटी मोटी समस्याओं का हेल्प डेस्क की ओर से समाधान कराया जा रहा है. एप के माध्यम से बहुत आसानी से डाटा कलेक्शन हो रहा है.

किसानों को मिलेगा ऐसे लाभ
डिजिटल क्रॉप सर्वे से किसानों को बहुत जरूरी लाभ मिलेंगे. इनमें किसानों को कृष‍ि उपज बेचने के लिए अब अपने दस्तावेजों का बार-बार सत्यापन कराने से मुक्ति मिल जाएगी. इसके साथ ही फसल से जुड़ी सारी अहम जानकारी भी किसानों को एक जगह मिल जाएगी. इससे किसानों को अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर बेचना आसान हो जाएगा.

फसल को नुकसान होने की स्थिति में किसानों को वास्तविक क्षति का मुआवजा मिलना भी आसान होगा. साथ ही सरकार को यह पता होगा कि किस किसान ने किस खेत में कौन सी फसल लगाई गई है. ऐसे में किसानों को फसल से संबंधी कोई भी सलाह आसानी से मिल जाएगी.

 

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