Youngest International Speaker : 12 साल की अल्मा कर रही हैं पूरी दुनिया को इंस्पायर, छोटी सी बच्ची कर चुकी हैं कई मुकाम हासिल

सफलता पाने की कोई उम्र नहीं होती, आप प्रयास करते रहें और जब भी सफलता मिले तो समझ लिजिए तभी आपकी सही उम्र है. सफलता की इबारत मजबूत इरादों से लिखी जाती है, जैसे अल्मा आसिफ ने लिखी.

12 साल की अल्मा कर रही हैं पूरी दुनिया को इंस्पायर
तनुजा जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 15 जून 2022,
  • अपडेटेड 7:31 PM IST
  • अल्मा अल्माकेशन की CEO होने के साथ ही एक इंटरनेशनल स्पीकर भी हैं
  • अपने अंदाज में दुनिया को देखती हैं अल्मा आसिफ

हुनर उम्र का मोहताज नहीं होता... अपने अंदाज में दुनिया को देखने वाले बच्चे भी कई बार बड़े-बड़े चमत्कार कर देते हैं. अल्मा आसिफ भी उन्हीं में से एक है, जिन्होंने महज 12 साल की उम्र में ही कई सारी सफलताएं हासिल कर ली हैं. अल्मा आठवीं क्लास में पढ़ने वाली बच्ची हैं लेकिन, इनके जज्बे किसी से कम नहीं हैं. आज अल्मा अल्माकेशन की CEO होने के साथ ही एक इंटरनेशनल स्पीकर भी हैं. 

दिल्ली के रोहिणी में रहने वाली 12 साल की अल्मा एक YouTuber, एक ब्लॉगर, एक पॉडकास्टर, एक सर्टिफाइड कॉर्पोरेट ट्रेनर और एक सर्टिफाइड मास्टर ट्रेनर हैं. संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, सऊदी अरब, बहरीन और भारत जैसे कई देशों में इन्होंने पब्लिक स्पीकिंग कॉम्पिटिशन में कई पुरस्कार जीते हैं. अल्मा जब 11 साल की थीं तभी वह सबसे कम उम्र की पर्सेनेलिटी कोच बन गई थी.

अल्मा ने 5-6 साल की उम्र से ही अपनी इंग्लिश पर काम करना शुरू कर दिया था, जिस उम्र में बच्चे खेलना-कूदना पसंद करते हैं, अल्मा ने उस उम्र में केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया. मां-बाप का साथ हमेशा से उन्हें मिलता रहा था. आज उनकी गिनती उन होनहार दिग्गजों में होती है, जिन्होंने देश का मान वैश्विक पटल पर बढ़ाया है. 

वुमन अचीवर्स अवॉर्ड ऑफ द ईयर होल्डर हैं अल्मा

इसके साथ ही वह इंडियन लीडरशिप एकेडमी में सबसे कम उम्र की मेंबर हैं. साथ ही कई वर्कशॉप, वेबिनार और बूट शिविरों का आयोजन करने वाली एक कोच भी हैं. इनकी झोली में कई सफलताएं हैं, इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर, वुमन अचीवर्स अवॉर्ड ऑफ द ईयर होल्डर जैसे अचीवमेंट भी इन्होंने अपने नाम कर लिए हैं.

GNT Digital से बात करते हुए अल्मा ने बताया कि वह लाखों लोगों को पर्सनालिटी डेवलपमेंट में मदद करने के मिशन पर हैं. उनका कहना है कि उनके माता-पिता ने हमेशा उनका साथ दिया. बचपन से ही वह अल्मा को आगे बढ़ाने के लिए इंस्पायर करते रहे.

"मेरे पापा एक प्रिंसिपल हैं और मम्मी स्कूल हेड हैं, बचपन से ही दोनों ने मुझे हमेशा आगे बढ़ने और कुछ अलग करने के लिए मोटिवेट किया". 

हमारे देश में कई लोगों को इंग्लिश बोलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उन्हें कई बार परेशानी भी होती है. पढ़ाई या करियर में आगे बढ़ने के लिए इंग्लिश आना भी काफी जरूरी है. कई ऐसे फिल्ड हैं, जहां इंग्लिश लैंग्वेज को तवज्जो दी जाती है.

उन्होंने बताया कि पहले उन्होंने अपनी इंग्लिश पर काम किया और अब वह कई लोगों को इंग्लिश बोलना और पर्सनालिटी ग्रोथ को लेकर जागरूक करती हैं. इसमें कई लोग ऐसे भी हैं, जो उनसे उम्र में काफी बड़े हैं. उनका कहना है कि उन्हें मजा आता है और वह अपने काम को लेकर बहुत खुश हैं. 

अल्मा जोश टॉक्स (Josh Talks) भी करती हैं. यहां वह लोगों तक अपनी बात पहुंचाती हैं और उनके लिए प्रेरणा बनती हैं. जोश टॉक्स एक कॉन्फ्रेंस है, जहां लोग अपने बारे में बताते हैं, अपनी सफलताओं से लोगों को आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करते हैं. इतना ही नहीं उनका अपना यूट्यूब चैनल भी है, जहां वह कई ऐसी वीडियो डालती हैं, जो लोगों को जागरूक करते हैं. 

अल्मा कहती हैं " कुछ हासिल करने और सीखने की कोई उम्र नहीं होती. अगर आपको कुछ पाना है तो आज से ही आपको मेहनत करनी होगी".  

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