राजधानी दिल्ली में जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय को कार से कुचलने की दर्दनाक खबर सामने आई थी. वहीं अब Zomato के संस्थापक दीपेंद्र गोयल ने पूरे परिवार की मदद करने का वादा करने के साथ जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय सलिल त्रिपाठी की पत्नी सुचेता त्रिपाठी को नौकरी दिलाने का वादा भी किया है.
दीपेंद्र गोयल ने ट्वीट कर कहा कि “कंपनी डिलीवरी पार्टनर के परिवार को 10 लाख रुपये के बीमा अनुदान के साथ मदद कर रही है, और परिवार को आगे क्या चाहिए, इसके आधार पर, हम हर संभव तरीके से उनका समर्थन करना जारी रखेंगे”. गोयल ने यह भी बताया कि त्रिपाठी के परिवार के मरने के बाद, "हम सलिल की पत्नी सुचेता को नौकरी देने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे" इसके अलावा उनके 10 साल के बेटे की आगे की पढ़ाई में भी मदद की जाएगी.
बता दें कि फूड डिलीवरी पार्टनर 8 जनवरी को दिल्ली के रोहिणी में हुई दुर्घटना की रात से अस्पताल में भी थे. गोयल ने आगे कहा कि जोमैटो ने अंतिम संस्कार सहित "पहले से ही चल रहे खर्चों में मदद की है".
पत्नी सुचेता ने मदद के लिए लगाई थी गुहार
बता दें कि जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय सलिल त्रिपाठी की मौत के बाद उनकी पत्नी सुचेता ने अपने पति के लिए न्याय की गुहार लगाने के लिए बुधवार को उनके नाम से एक ट्विटर अकाउंट खोला था, और उनके असामयिक निधन पर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया था. सुचेता ने कहा था कि उनके 10 साल के बेटे का भविष्य अंधेरे में है". उन्होंने कहा कि, “मेरे पति सलिल त्रिपाठी की जान चली गई, क्योंकि दिल्ली पुलिसकर्मियों ने उन्हें 8/1/22 को नशे की हालत में कार से टक्कर मार दी थी.
त्रिपाठी के परिवार ने बताया कि वो दिन में करीब 7 से 8 घंटे काम करते थे और काम के हिसाब से महीने का करीब 8 से 10 हजार रुपये कमा रहे थे. कोविड से पहले, रेस्टोरेंट में वो हर महीने 40 से 50 हजार रुपये तक कमा रहे थे.
मदद को आगे आए लोग
सलिल त्रिपाठी के परिवार की मदद करने के लिए कई हाथ आगे आए हैं. फिल्ममेकर मनीष मुंद्रा ने त्रिपाठी की पत्नी, सुचेता के अकाउंट में 4 लाख रुपये ट्रांसफर किए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, लोग देश के अलग-अलग कोनों से परिवार के लिए आर्थिक मदद भेज रहे हैं.
त्रिपाठी के एक पूर्व सहयोगी ने पब्लिकेशन से कहा, "मैंने उनके साथ साल 2010 में काम किया था. वो एक सच्चे व्यक्ति थे, हमेशा मुस्कुराते रहते थे. उस समय, वो होटल पार्क प्लाजा के फूड एंड बेवरेज सेक्शन के प्रमुख के तौर पर काम कर रहे थे. वो ज्यादा घंटे काम करते थे, लेकिन कभी शिकायत नहीं करते थे. मैं उनके पूर्व सहयोगियों और होटल इंडस्ट्री के लोगों से फंडरेजर को लेकर बात कर रहा हूं." वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो त्रिपाठी के बेटे की पढ़ाई में योगदान देना चाहते हैं.