हनुमान जी ने अशोक वाटिका में पेड़ पर बैठकर माता सीता को श्री राम की कथा सुनाई. माता सीता को राम नाम अंकित अंगूठी दिखाकर उनका दुःख दूर किया. हनुमान जी ने कहा कि भगवान की कथा ही बिरह व्यथा से सांत्वना दे सकती है.