भारतीय नौसेना को आज मिल गई आईएनएस विशाखापट्टनम की ताकत। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज इसे नौसेना में शामिल किया. ये समंदर का वो प्रहरी है जिससे दूश्मन घबराते हैं. हिंदुस्तान की तरफ आंख उठाने वालों पर ये युद्धपोत मौत बनकर बरसता है. आईएनएस विशाखापट्टनम में ऐसी कई खूबियां हैं जो इसे समंदर के युद्ध का विजेता बना सकती है. बराक और ब्रहमोस जैसी मिसाइलों से लैस ये युद्धपोत समंदर का सबसे ताकतवर योद्धा है. आईएनएस विशाखापट्टनम आत्मनिर्भर भारत की मिसाल है. इस युद्धपोत पर लगे करीब 75 फीसदी उपकरण और हथियार भारत में ही बने है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि दुश्मन का रडार इस युद्दपोत को पकड़ नहीं सकता.
Indian Navy got the strength of INS Visakhapatnam today. Defense Minister Rajnath Singh inducted it into the Navy today. He is the watchman of the sea from whom enemies are afraid. On those who raise their eyes towards India, this warship rains as death. INS Visakhapatnam has many such qualities that can make it the winner of the war of the sea. Equipped with missiles like Barak and Brahmos, this warship is the most powerful warrior of the sea. INS Visakhapatnam is an example of self-reliant India. About 75 percent of the equipment and weapons on this warship are made in India. Its biggest feature is that the enemy's radar cannot catch this warship.