पत्नियों द्वारा पतियों की हत्या के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. सोशल एक्टिविस्ट बरखा फ्रेहर ने इसके कारणों पर प्रकाश डाला है. उन्होंने कहा कि कानून जेंडर न्यूट्रल नहीं है और महिलाएं इसका हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही हैं. परिवारों से दूरी, सोशल मीडिया का प्रभाव और समाज में बदलते मूल्य भी इसके प्रमुख कारण हैं.