एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, हर साल लगभग 30,000 नाबालिग अपराध के मामले सामने आते हैं और 35,000 से अधिक गिरफ्तारियां होती हैं। इनमें से 90% पर दोष साबित होता है। हालांकि, कुल अपराधों में नाबालिगों का हिस्सा 1% से भी कम है। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत, 16-18 वर्ष के बच्चों को कुछ गंभीर अपराधों में वयस्क के रूप में माना जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सामाजिक-आर्थिक समस्याएं और पारिवारिक मुद्दे इस समस्या के प्रमुख कारण हैं।