वो नशा, नशा ही क्या
जो आंखें बंद ना कर दे,
वो मोहब्बत मोहब्बत ही क्या
जो जिंदगी झंड ना कर दे.
मोहब्बत के हर रास्ते में,
दर्द ही दर्द मिलेगा,
मैं सोच रहा हूं उस रास्ते पर
मेडिकल खोल लूं, मस्त चलेगा.
नजर मिले तो उसे
इज़हार कहते हैं,
रात को नींद ना आए,
तो उसे प्यार कहते हैं,
और जो इन चक्करों में ना पड़े,
उसी को समझदार कहते हैं.
इश्क़ के नशे में,
बेकाबू ना बनना,
बाबा बन जाना पर
किसी का बाबू न बनना.
फूल है गुलाब का
नशा है शराब का
हमारा तो कट गया
अब कटेगा आपका.