पति – आज खाना क्यों नहीं बनाया?
पत्नी – गिर गई थी लग गई.
पति – कहां गिर गई थी और क्या लग गई थी?
पत्नी - तकिये पर गिर गई थी
और आंख लग गई थी.
शक्की पत्नी का शक दूर करने के लिए,
पति ने दाढ़ी रख ली, पूजा, पाठ करने लगा
और गीता, रामायण भी पढ़ने लगा..
गरीबों की मदद करने लगा
सारे ग़लत काम छोड़ दिये और प्रभु की
भक्ति में लग गया..
अब पत्नी फ़ोन पर, अपने पति के बारे
में सहेली को बता रही थी:- साहबजादे
अब स्वर्ग की अप्सराओं के चक्कर में
लगे हैं.
बीवी से परेशान पति एक दिन
पंडितजी के पास पहुंचा
पति – पंडितजी, एक बात बताइये
ये जनम जनम का साथ वाली बात
सच है क्या?
पंडितजी – सौ फ़ीसदी सच
पति – मतलब मुझे अगले जनम में
भी यही पत्नी मिलेगी
पंडितजी – बिलकुल
पति – हे भगवान ! फिर तो
ख़ुदकुशी करने से भी कोई फायदा
नही.
पत्नी: अगर मैं 4 -5 दिन घर में ना
दिखूं तो आपको कैसा लगेगा?
पतिः (खुशी से) अच्छा लगेगा.
फिर तो पत्नी उसे सोमवार को
नहीं दिखी,
मंगलवार को भी नहीं दिखी,
बुध को नहीं, गुरुवार को भी नहीं दिखी,
शुक्रवार को जब आंख की सुजन थोड़ी
कम हुई तब थोड़ा-थोड़ा दिखाई
देना शुरू हुआ.
पत्नी :-आपने मुझ में
क्या देख कर शादी की?
पति:- कुछ नहीं बस
बचपन से शौक था बड़े
पंगे लेने का.
पत्नी- आप बहुत भोले हैं..
आपको कोई भी बेवकूफ
बना देता है.
पति- शुरुआत तो तेरे पापा ने की है.