मां अपने बेटे से- बेटा तेरे लिए ऐसा घर खोजेंगे
जहां लड़की पैसे वाली हो,
घर के काम अच्छे से कर लेती हो
और वह अपने सास का हर कहना माने.
मां अपनी बेटी से- बेटी तेरे लिए ऐसा घर खोजेंगे
जहां लड़का पैसा वाला हो,
घर में काम के लिए नौकर चाकर हो
और वहां सास नाम की बीमारी न हो.
सास- तुम रसोई में क्या बना लेती हो?
बहू- मां जी, रसोई में बीमार होने का बहाना बना लेती हूं
सास- अरी...विलायती चुड़ैल रसोई में कुछ आता है या नहीं?
बहू- मां जी मुझे रसोई में आलस आता है...
नींद आती है और चक्कर तो हद से ज्यादा आता है.
सास नई नवेली दुल्हन को समझाते हुए बोली- देख बहू,
इस घर के नियम कानून अच्छे से समझ ले.
मुझे इस घर की प्रधानमंत्री समझ, ससुर को राष्ट्रपति.
पति को गृहमंत्री और अपनी ननद को योजना मंत्री.
अब बोल तू कौनसा विभाग लेगी?
बहू बोली- मां जी, मैं तो आजीवन विपक्ष में रहकर
आपकी सरकार गिराने की कोशिश करुंगी.
सास (बहू से): सिर में बहुत दर्द हो रहा है
बहू: सिरदर्द होने पर कुछ देर अपनी बेटी से
जरूर बात किया करो मांजी...
सास: क्यों?
बहू: आपने सुना तो होगा मांजी,
जहर ही जहर को मारता.
सास घर में पुराने कागजात देख रही थी.
तभी सास के हाथ में बहू का ग्यारहवीं
कक्षा का रिपोर्ट कार्ड आ गया.
सास नम्बरों के नीचे चरित्र प्रमाण पत्र
पढ़कर अभी तक बेहोश है...
प्रमाण पत्र में लिखा था...
नेहा एकदम 'मधुरभाषी एवं शांतिप्रिय छात्रा' है.