पति: तुम्हीं मेरी साधना हो,
तुम ही मेरी आराधना हो,
तुम ही मेरी कल्पना हो,
तुम ही मेरी कविता हो…
तो पत्नी भी भावुक होकर:
तुम ही मेरे रमेश हो
तुम ही मेरे दिनेश हो,
तुम ही मेरे महेश हो और
तुम ही मेरे गांव वाले सुरेश हो.
शादी के पहले मां ने बेटी को सलाह दी-
बेटी ध्यान रखना कि यदि पति
पहली बार रूठे तो रब रूठे,
दूसरी बार रूठे तो दिल टूटे,
तीसरी बार रूठे तो जग छूटे,
और अगर बार-बार ही रूठता ही रहे तो..
निकाल डंडा और जी भर के कूट,
जब तक डंडा न टूटे.
अर्ज है:
ये मर्द बड़े चालाक होते हैं;
ये मर्द बड़े चालाक होते हैं;
खुद की प्रोफाइल फोटो में अकेले,
और घर वाली की प्रोफाइल फोटो
में साथ होते हैं.
लहरों के साथ तो सभी चलते हैं,
लेकिन लहरों के विपरीत
चलने वाला ही महान बनता है...
यही बात मैंने ट्रैफिक पुलिस को समझायी
उसने फिर भी चालान काट दिया.
अर्ज़ किया है –
महफ़िल में हमारे जूते खो गये...
तो हम घर कैसे जायेंगे?
महफ़िल में हमारे जूते खो गये...
तो हम घर कैसे जायेंगे?
किसी ने कहा-
आप शायरी तो शुरू कीजिए...
इतने मिलेंगे कि आप गिन नहीं पायेंगे.