ताइवान से युद्ध के मूड में चीन? सबसे बड़ी घुसपैठ में भेजे 52 लड़ाकू विमान

चीन ने सोमवार को एक बार फिर ताइवान की ओर 52 लड़ाकू विमान भेजे. ताइवान की वायु रक्षा प्रणाली के उल्लंघन से स्व-शासित द्वीप के साथ तनाव बढ़ गया है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, उसके रक्षा क्षेत्र का उल्लंघन करने वालों में चीन के विमानों में 34 जे-16 लड़ाकू जेट और 12 एच-6 बमवर्षक शामिल थे.

ताइवान के खिलाफ चीन का अब तक का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन
अनिरुद्ध गोपाल
  • नई दिल्ली,
  • 05 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 11:16 AM IST
  • ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी
  • जे-16 और 12 एच-6 विमान भी थे शामिल

ताइवान में चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. चीन ने सोमवार को एक बार फिर बड़ी हिमाकत दिखाते हुए ताइवान के डिफेंस जोन में एक दो नहीं पूरे 52 लड़ाकू विमान भेज दिए. चीन की इस हरकतों को देखते हुए ताइवान ने बिजिंग से इस गैर-जिम्मेदार और भड़काऊ कार्रवाई को रोकने की अपील की है. 

वापस लौटने पर किया मजबूर

ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक उड़ान भरने वाले लड़ाकू विमानों में 34 जे-16 लड़ाकू विमान और 12 एच-6 बमवर्षक विमान थे. ताइवान की वायुसेना ने चीन के लड़ाकू विमानों को वापस लौटने पर मजबूर किया और अपनी वायु रक्षा प्रणाली पर चीनी युद्धक विमानों की गतिविधियों पर नजर रखी.

बता दें कि इससे पहले चीन ने 1 अक्टूबर को अपना राष्ट्रीय दिवस मनाया था और उस दौरान चीन ने सैन्य शक्ति का भी प्रदर्शन किया था. अपने राष्ट्रीय दिवस पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने ताइवान की ओर से 38 लड़ाकू विमान उड़ाए. ताइवान के रक्षा मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी गई है. 

अमेरिका ने दिया था बयान
बीते दिनों भी ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में इतने विमानों की आवाजाही के बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने बयान जारी करके कहा था कि, 'हम बीजिंग से अनुरोध करते हैं कि वह ताइवान के खिलाफ सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव एवं बल पूर्वक कार्रवाई बंद करे.'

पिछले कुछ साल में चीन लगभग हर रोज चीन, ताइवान की ओर से अपने लड़ाकू विमान भेजता रहा है. बता दें कि साल 1949 में चीन के गृह युद्ध के दौरान ताइवान अलग हो गया था. चीन, ताइवान पर दावा करता रहा है. चीन की ओर से ताइवान पर कब्जा करने के लिए बल प्रयोग किए जाने की संभावनाओं को भी खारिज नहीं किया जा सकता. बीजिंग अंतरराष्ट्रीय संगठनों में ताइवान के शामिल होने का विरोध करता रहा है. 
 

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