हाल ही में एक रिसर्च से पता चला है कि जिन लोगों का कोविड के खिलाफ पूरी तरह से टीकाकरण हो चुका है, और वो फिर भी वायरस से संक्रमित होते हैं तो वो घर के बाकी लोगों में भी संक्रमण फैला सकते हैं. वे अपने घर में दूसरों के लिए उतने ही संक्रामक साबित हो सकते हैं, जितने कि संक्रमित अनवैक्सीनेटेड लोग.
संक्रमित व्यक्ति के परिवार के हर सदस्य को रहता है संक्रमण का खतरा
परिवार कोविड संक्रमण के फैलने के लिए एक महत्वपूर्ण सिस्टम है. इसमें संक्रमित व्यक्ति के साथ लगातार लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण परिवार के हर व्यक्ति को संक्रमण का खतरा होता है. हालांकि, इस बारे में लोगों के मन में कई सवाल थे, जिनमें शुरुआत में संक्रमित होने वाले लोगों से संपर्कों का सही अनुपात, उनके संक्रमण की अवधि, और वायरस को प्रसारित करने के जोखिम पर टीकाकरण का प्रभाव और इसे पकड़ने की संभावना शामिल है.
संक्रमण के खिलाफ प्रभावी नहीं टीकाकरण
अब एक स्टडी से पता चला है कि जहां गंभीर स्थिति और मृत्यु से बचने के लिए कोविड के खिलाफ टीकाकरण महत्वपूर्ण है, वहीं यह संक्रमण के खिलाफ प्रभावी नहीं है. इंपीरियल कॉलेज लंदन और यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (एचएसए) सहित कई संस्थानों के शोधकर्ता ने लैंसेट में इसके बारे में लिखते हुए बताया कि उन्होंने डेल्टा संस्करण से संक्रमित 138 लोगों के 204 घरेलू संपर्कों के डेटा का विश्लेषण किया.
वैक्सीनेटेड व्यक्ति को 25% जबकि अनवैक्सीनेटेड को 38% खतरा
इस विश्लेषण के परिणाम बताते हैं कि जिन लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है, उनमें भी संक्रमित होने का एक बड़ा जोखिम होता है. विश्लेषण से पता चलता है कि पूरी तरह से टीका लगाए गए इंसान के घर के संक्रमित सदस्य से संक्रमित होने की 25% प्रोबैबिलिटी होती है, जबकि एक अनवैक्सीनेटेड आदमी के इस स्थिति में संक्रमित होने की 38% संभावना होती है. हालांकि, आंकड़े बीमारी की गंभीरता पर प्रकाश नहीं डालते हैं. चूंकि यह विश्लेषण बहुत कम लोगों पर किया गया है, इससे निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाज़ी होगी.
वैक्सीनेटेड लोग अनवैक्सीनेटेड लोगों की तुलना में हो जाते हैं जल्दी ठीक
इस विश्लेषण से आगे यह भी पता चला है कि एक संक्रमित व्यक्ति वैक्सीनेटेड हो या अनवैक्सीनेटेड, अपने संपर्क में आने वाले लोगों के लिए वो समान रूप से संक्रामक हैं. टीम ने कहा कि संक्रमित व्यक्तियों में वायरस का पीक लेवल समान था, चाहे उन्हें वैक्सीन की जैब दी गई हो या नहीं. हालांकि ये स्तर टीकाकरण वाले लोगों में अधिक तेज़ी से गिरा. इसका मतलब है कि वैक्सीनेटेड लोग अनवैक्सीनेटेड लोगों की तुलना में जल्दी ठीक हो जाते हैं.