मेहंदी या हिना भारतीय परंपरा का शुरू से हिस्सा रही है. शादियों से लेकर, नॉर्मल फंक्शन तक में मेहंदी हमारे जश्न का छोटा सा हिस्सा होती है. हालांकि, कई लोगों पर इसके साइड इफेक्ट देखने को मिले हैं. ये साइड इफेक्ट कई बार खतरनाक भी हो सकते हैं. अब एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें एक 9 साल की बच्ची के हाथों में मेहंदी लगाने के बाद उसे मिर्गी के दौरे पड़ने लगे. ये मामला न्यूरोलॉजी विभाग, सर गंगा राम अस्पताल, नई दिल्ली में रिपोर्ट किया गया है.
बच्ची को पड़ने लगा मिर्गी का दौरा
दरअसल, डॉक्टरों के मुताबिक, मेहंदी लगाने के बाद बच्ची को पहली बार ऐंठन हुई. जिसके बाद वो 20 सेकंड के लिए बेहोशी की हालत में गिर गई. एक साल बाद मेहंदी लगाने के बाद बच्ची को इसी तरह के दो दौरे और पड़े. जब परिवारवालों ने देखा कि ये घटनाएं लगातार हो रही हैं. तो उन्होंने बच्ची के चेकअप के बारे में सोचा, जिसके बाद उसे अस्पताल लाया गया.
रिफ्लेक्स एपिलेप्सी का मामला
आगे बताया गया कि अस्पताल में, रोगी के दाहिने हाथ में मेहंदी भी लगाई गई थी, डॉक्टरों ने पाया कि मेहंदी लगे हाथ को जैसे ही मरीज के सीने के पास लाया गया, उसे दौरे पड़ने लगे. सर गंगा राम अस्पताल में न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ (कर्नल) पी.के. सेठी ने कहा, "यह रिफ्लेक्स एपिलेप्सी का एक मामला था. हमारे रिपोर्ट किए गए मामले में, मेहंदी लगाने से बच्ची को लगातार दौरे पड़ रहे थे.”
डॉ. सेठी ने आगे कहा, "हमारे रोगी में दौरे केवल हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाने से शुरू नहीं हुए थे, बल्कि यह उसकी सुगंध थी, जिसके कारण ऐसा हुआ. जिसके बाद रोगी को सोडियम वैल्प्रोएट को लिमिट करने के लिए कहा गया, वहीं और माता-पिता को मेहंदी के संपर्क में आने से बचने की सलाह दी गई.
पहले भी आ चुके ऐसे मामले
हालााकि, मेहंदी और उसके साइड इफेक्ट को लेकर कई मामले पहले भी आ चुके हैं. हाल ही में, कई लोगों ने हाथों से खुजली, लाल होने और मेहंदी से हाथ छिलने की शिकायत की है. दरअसल, बाजार में मिलने वाली मेहंदी में जितने भी केमिकल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, उससे त्वचा को कुछ रिएक्शन हो रहे हैं. ये केमिकल आपकी स्किन के लिए हानिकारक हो सकते हैं
मेहंदी में किया जा रहा है केमिकल का इस्तेमाल
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मेंहदी बेचने वाले ने इसके मिक्सचर में पैरा-फेनिलीनडायमाइन (पीपीडी) का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. इस केमिकल का इस्तेमाल बड़े स्तर पर हेयर डाई, फैब्रिक डाई और यहां तक कि मेकअप प्रोडक्ट में भी किया जाता है. जहां ये इन प्रोडक्ट्स में बस 3 प्रतिशत से कम मात्रा में प्रयोग किया जाता है, वहीं मेंहदी के मिक्सचर में उपयोग किए जाने पर, यह पूरे मिश्रण का दस से चालीस प्रतिशत बन जाता है. वर्ल्ड ऑफ केमिकल्स के अनुसार, स्किन पर PPD का उपयोग फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेटिव द्वारा प्रतिबंधित है.
केमिकल से बढ़ जाती है इसकी शेल्फ लाइफ
मेंहदी में उपयोग किए जाने वाले दूसरे केमिलक कारमाइन, पाइरोगैलोल, ऑरेंज डाई, क्रोमियम, सिल्वर नाइट्रेट आदि हैं, जो स्किन पर मेंहदी के रंग को गाढ़ा करने में मदद करते हैं. इन केमिकल के इस्तेमाल से इनकी शेल्फ-लाइफ बढ़ जाती है. हालांकि, इस तरह की मेंहदी को 'नकली मेंहदी' भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें मुश्किल से ही असली मेंहदी के पत्ते होते हैं. नकली मेंहदी में केरोसिन, गैसोलीन, हल्का तरल पदार्थ, बेंजीन, पेंट थिनर और अन्य जैसे हानिकारक पदार्थ हो सकते हैं.
(इनपुट- स्नेहा)