तालिबान ने बच्चे की गोली मारकर की हत्या, पिता पर अफगान रेजिस्टेंस फोर्स के लिए काम करने का शक था

तालिबानी लड़ाकों ने एक मासूम बच्चे को गोली मार दी. उन्हें शक था कि बच्चे का पिता तालिबान प्रतिरोधी मोर्चे से जुड़ा हुआ है. तालिबान ने हेलमंद प्रांत में नाइयों को दाढ़ी नहीं काटने के आदेश दिए गए हैं. उनका कहना है कि ये शरीयत के खिलाफ है

तालिबान ने बच्चे को मारी गोली (Picture credit: AP)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 29 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:11 PM IST
  • तालिबान ने बच्चे को मारी गोली की हत्या
  • पिता पर अफगान रेजिस्टेंस फोर्स के साथ जुड़ा होने का शक था

तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद से ही लगातार क्रूरता की खबरें आ रही हैं. खुलेआम लोगों की हत्याएं हो रही हैं और उनके अधिकारों को कुचला जा रहा है. पंजशीर के एक आब्जर्वर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. उसने बताया कि तालिबानियों को शक था कि बच्चे का पिता तालिबान प्रतिरोधी मोर्चे से जुड़ा हुआ था. शक होने पर उन्होंने मासूम से बच्चे को गोली मार दी.

तालिबान ने मासूम बच्चे को गोली मारी 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबानी लड़ाके शक के बिनाह पर ही लोगों को गोली मार रहे हैं. वे सड़क चलते आम लोगों को रोक कर उनसे पिछली सरकार से जुड़े होने के बारे में पूछ रहे हैं. इतना ही नहीं लोगों के मोबाइल छीन रहे हैं और कॉल डिटेल्स व फोटो चेक कर रहे हैं. अगर उन्हें शक भी होता है कि सामने वाला व्यक्ति उनके खिलाफ गतिविधियों में लिप्त है तो उसे सीधे गोली मार दी जा रही है.

तालिबानी लड़ाके शक के बिनाह पर ही लोगों को गोली मार रहे  

15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने वादा किया था कि वह कोई बदला लेने वाली कार्रवाई नहीं करेगा, लेकिन तालिबान अपने सारे वादों से मुकर गया है. हाल ही में उसने ऐलान किया था कि लोगों को गलती का सबक सिखाने के लिए उन्हें सजा दी जाती रहेगी.  इस सजा में हाथ काटने से लेकर जान लेना तक शामिल होगा.

तालिबान का क्रूर शासन फिर से लौटा

तालिबान का क्रूर शासन फिर से लौट आया है. रविवार को ही तालिबान ने हेलमंद प्रांत में नाइयों को दाढ़ी नहीं काटने के आदेश दिए गए हैं. उनका कहना है कि ये शरीयत के खिलाफ है.  दरअसल, तालिबान इस्लामी शरिया कानून को अफगानिस्तान में फिर से लागू कर रहा है. इससे पहले भी तालिबान 1996 से 2001 तक इसे लागू कर चुका है.  शरिया कानून मानवाधिकारों के अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के विपरीत है और इसका उल्लंघन करने वालों को सख्त सजा दी जाती है. 


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