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Ganesh Chaturthi Special: इस बार मनाएं इको-फ्रेंडली गणेश चतुर्थी, घर ला सकते हैं पर्यावरण के अनुकूल बनी मूर्तियां

निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 23 अगस्त 2022,
  • Updated 2:40 PM IST
plantable ganesh idol
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प्लांटेबल गणेश: ये मूर्तियां प्राकृतिक मिट्टी, जैविक खाद और बीजों से बनाई जाती हैं. इन्हें पेपर पल्प और बीजों से भी बनाया जा सकता हैय खास बात यह है कि आप त्योहार के अंत में मूर्ति को मिट्टी के गमले में रख सकते हैं. इसपर पानी डालकर विसर्जन कर लें. और कुछ दिनों बाद मुर्ति के बीज अंकुरित हो जाएंगे. और आपके बगीचे में सुंदर पेड़ उगने लगेंगे. (Photo: Facebook/Tree Ganesha)

Clay Ganesha
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मिट्टी के गणपति: ये मूर्तियां कच्ची मिट्टी (प्राकृतिक मिट्टी) और सादी मिट्टी से बनी होती हैं जिनमें किसी तरह का कोई रसायन नहीं होता है. इसमें सिर्फ पानी और मिट्टी का इस्तेमाल होता है. इसलिए जब ये मुर्तियां पानी में डुबोयी जाती हैं या प्रकृति में छोड़ी जाती हैं, तो इनका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है. (Photo: Pinterest)

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पेपर पल्प से बने गणपति: इस प्रकार की गणेश प्रतिमाएं कागज के गूदे/लुगदी से बनाई जाती हैं. पुराने अखबारों और किताबों को पानी में भिगोकर लुगदी बनाई जाती है. इस लुगदी को गणेश जी का रूप दिया जाता है. मूर्ति को सजाने में किसी तरह के जहरीले पेंट या किसी अन्य जहरीले पदार्थ का उपयोग नहीं किया जाता है. (Photo: Facebook/Ecoexist)

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चॉकलेट गणपति: सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन अब बहुत से लोग चॉकलेट गणपति भी बनाते हैं. बहुत से शेफ हर साल चॉकलेट गणपति बनाते हैं. मुंबई की एक प्रोफेशनल बेकर रिंटू राठौड़ सालों से यह कर रही हैं. कई साल पहले, मुंबई के समुद्र तटों पर विसर्जन के बाद गणपति की आधी-अधूरी मूर्तियों को देखकर राठौड़ ने फैसला किया कि वह कुछ अलग करेंगी. उन्होंने चॉकलेट गणेश बनाना शुरू किया. जिसका विसर्जन वह एक बड़े से बर्तन में दूध से करती हैं. और यह मिल्कशेक बन जाता है. इस मिल्क शेक को विभिन्न अनाथालयों में बांटा जाता है. (Photo: Facebook/Enticing Bakes)

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गोबर के बने गणेश जी: कई गणपति निर्माता अब पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए पी.ओ.पी की जगह गाय के गोबर से मूर्तियां बना रहे हैं. गणेश जी की मूर्तियों के निर्माण की यह हरित विधि है. इन मूर्तियों से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है. इन मूर्तियों को आसानी से पानी में विसर्जित की जा सकती है, और पौधों के लिए खाद के रूप में भी काम कर सकती हैं. (Photo: Facebook/Hritik Agrawal)