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सात समंदर पार खींच लाया प्यार! संस्कृत में मंत्र पढ़कर लंदन के लड़के ने की भारतीय लड़की से शादी...देखते रह गए लोग

gnttv.com
  • देवघर,
  • 21 अप्रैल 2022,
  • Updated 1:12 PM IST
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प्यार की सीमाएं नही होती,न तो वो धर्म देखता है और न ही जाति और न ही सरहद. जी हां, ऐसा ही देखने को मिला देवघर के बाबा वैद्यनाथ धाम मंदिर में. भारतीय संस्कृति और सभ्यता की पूरी दुनिया कायल है और इस बात को साबित कर दिखाया है सेम और जेना वत्स ने. 

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सेम और जेना की दोस्ती प्यार में बदली और सात समंदर पार हज़ारों किलोमीटर की यात्रा कर दोनों परिणय सूत्र में बंध गए. इस अनोखी शादी के गवाह बने खुद बाबा भोलेनाथ और वहां मौजूद अन्य लोग.

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इस शादी के वर पक्ष लंदन के रहने वाले हैं और वधू पक्ष भारत से है. ज़ेना वत्स नाम की लड़की का जन्म बिहार के कहलगांव में हुआ था लेकिन बाद में इनका परिवार यूपी ग़ाज़ियाबाद के वैशाली में रहने लगा. ज़ेना इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर 7 साल पहले लंदन नौकरी करने चली गई थी.

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लंदन में वो एक टेलीकॉम कंपनी में नौकरी करती थी जहां उसकी मुलाकात वहीं के निवासी सेम नामक लड़के से हुई. कुछ दिनों की दोस्ती प्यार में बदल गई और फिर दोनों ने शादी करने का फैसला किया.
 

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प्यार में सबसे बड़ी बाधा जाति और धर्म की होती है लेकिन सेम और जेना की शादी में सरहद भी थी. लेकिन दोनों ने इन सारे बंधन को तोड़कर शादी करने का मन बना लिया. लेकिन बीच में कोरोना के आने से शादी कुछ समय के लिए टल गई क्योंकि दोनों का पासपोर्ट नहीं बन पा रहा था. शादी दो साल तक रुकी रही और फिर लड़की के परिवार वालों ने लड़के को भारत बुलाया और कहा कि वो उनकी शादी बाबा वैद्यनाथ धाम मन्दिर में कराएंगे. सैम के माता-पिता, भाई-बहन और अन्य दोस्तों के साथ कुल 8 सदस्य लंदन से देवघर आए. बाबा मंदिर में पूरी तरह से हिन्दू रीति रिवाजों में शादी हुई.

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जेना वत्स के पिता ने बताया कि इस शादी से हम खुश हैं क्योंकि लड़की की खुशी जहां हैं हम भी वहीं खुश हैं. उन्होंने बताया की सबसे बड़ी बात है कि लड़की लंदन से नही आना चाहती थी लेकिन जब बाबा वैद्यनाथ का नाम लिए तो दोनों तैयार हो गए और यहां आकर शादी की. वहीं तीर्थ पुरोहित ने बताया कि अपने जीवन काल में उन्होंने पहली बार इस तरह की शादी देखी. सबसे बड़ी बात यह है कि मुझे इस तरह की शादी कराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. हम लोग काफी खुश हैं. सनातन धर्म को एक विदेशी लड़के ने अपनाया यह हमारे लिए गर्व की बात है. (देवघर से शैलेन्द्र मिश्रा की रिपोर्ट )