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Narishakti: ये हैं भारत की टॉप महिला IAS अफसर, अपने काम से बदल रहीं लोगों की जिंदगी

gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 23 मार्च 2023,
  • Updated 3:21 PM IST
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चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है और हर दिन मां के रूपों को सेलिब्रेट किया जा रहा है. इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं देश की कुछ ऐसी महिलाओं के बारे में जो नारीशक्ति का प्रतीक हैं. आज जानिए भारत की टॉप IAS महिला अफसरों के बारे में. 

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प्रीति सूदन साल 1983 बैच की आंध्र कैडर की आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने संघीय और राज्य स्तर पर कई पदों पर काम किया है, जिसमें रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव और पर्यटन और आपदा प्रबंधन के पद शामिल हैं. उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के विकास और क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो भारत सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का एक कार्यक्रम है. इस योजना का उद्देश्य देश के 40% गरीब और कमजोर नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य कवरेज देना है. प्रीति ने विश्व बैंक के सलाहकार के रूप में काम किया है. वह निश्चित रूप से सबसे प्रेरक महिला आईएएस अधिकारियों में से एक हैं. (Photo: Faceook)

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स्मिता सबरवाल 2001 बैच की तेलंगाना-कैडर की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी हैं. उन्हें जन अधिकारी के रूप में जाना जाता है क्योंकि वह नागरिकों से संबंधित समस्याओं को हल करने में जनता को शामिल करती हैं. वह मुख्यमंत्री के ऑफिस में पद संभालने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी हैं. वह वर्तमान में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में कार्यरत हैं और ग्रामीण जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग (मिशन भागीरथ विभाग) की सचिव भी हैं. (Photo: Twitter)

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अरुणा सुंदराजन केरल कैडर की आईएएस अधिकारी हैं और फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार, वह एक व्यवसायी महिला की तरह सोचती हैं. उन्होंने आईटी सचिव के रूप में सेवा करते हुए केरल के ई-गवर्नेंस विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने कुदुम्बश्री परियोजना का भी निरीक्षण किया, जो वर्तमान में कामकाजी वर्ग की महिलाओं को रोजगार के अवसर देकर महिला सशक्तिकरण का एक चमकदार उदाहरण है. (Photo: Wikipedia)

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तेलंगाना कैडर की एक आईएएस अधिकारी, हरि चंदना दसारी, हैदराबाद में "हरित क्रांति" शुरू करने के लिए प्रसिद्ध हैं. उन्होंने प्लास्टिक रीसाइक्लिंग के लिए कई परियोजनाओं का नेतृत्व किया और इससे शहर ने कई पुरस्कार जीते हैं. दसारी अपने पूरे करियर में कई प्रसिद्ध कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार रही हैं, जिनमें पेट पार्क, शी टॉयलेट्स, शी मार्ट, फीड द नीड (जहां रेफ्रिजरेटर पूरे समय रखे जाते हैं) शामिल हैं. (Photo: harichandanaias.com)

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दुर्गा शक्ति नागपाल ने 2009 के यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में, 20वीं रैंक प्राप्त की थी. उन्होंने मोहाली में एक भूमि घोटाले का खुलासा किया था. सदर, नोएडा के एसडीएम के रूप में, वह 2011 में यूपी कैडर में स्थानांतरित हो गईं. उन्होंने यहां सैंड माफिया का सामना किया, जो बिना परमिट के यमुना और हिंडन नदियों के किनारे से रेत चुरा रहे थे. (Photo: Wikipedia)