बात भारत की वास्तुकला और स्मारकों की करें तो देश की विरासत बहुत ही ज्यादा समृद्ध है. देश के कोने-कोने में प्राचीन काल में बने मंदिर और स्मारक स्थित है. हालांकि, आपको ज्यादातर उन स्मारकों के बारे में जानने को मिलता है जिन्हें देश के प्राचीन महान राजाओं ने बनवाया है. जबकि देश में ऐसे भी कई ऐतिहासिक स्मारक हैं जिनके निर्माण का श्रेय इतिहास की महान स्त्रियों को जाता है. और दिलचस्प बात यह है कि इनमें से कुछ तो World Heritage List में शामिल हैं. (Photo: Unsplash)
विरुपाक्ष मंदिर, कर्नाटक
उत्तरी कर्नाटक में मालाप्रभा नदी के किनारे मंदिरों का एक समूह है, जिसे कई लोग चालुक्य मंदिर वास्तुकला का प्रतीक मानते हैं. ये मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर लिस्ट में शामिल हैं. रॉक-कट संरचनाओं में बने मंदिरों में सबसे उत्कृष्ट है विरुपाक्ष मंदिर और खास बात है कि इस मंदिर को रानी लोकमहादेवी ने बनवाया था. 740 ईस्वी के रानी ने इस मंदिर को पल्लवों के खिलाफ अपने पति विक्रमादित्य द्वितीय की जीत की खुशी में बनवाया था. मंदिर के निर्माण के लिए उन्होंने कांची की पल्लव राजधानी से मूर्तिकार बुलवाए थे. (Photo: Wikipedia)
इतिमाद-उद-दौला, आगरा, उत्तर प्रदेश
इतिमाद-उद-दौला मकबरा को सम्राट जहांगीर की पत्नी मुगल साम्राज्ञी नूरजहां ने अपने पिता मिर्जा गियास बेग के लिए बनवाया था. मिर्ज़ा को अकबर ने इतिमाद-उद-दौला की उपाधि दी थी, और जहांगीर के शासनकाल में वह वज़ीर के पद तक पहुंच गए थे. उनकी मृत्यु के बाद, नूरजहां को 1622 से 1628 ईस्वी तक आगरा की सबसे नाजुक दिखने वाली संरचनाओं में से एक को बनवाने में सात साल लग गए थे. (Photo: Wikipedia)
रानी की वाव, पाटन, गुजरात
पाटन, गुजरात में सरस्वती नदी के तट पर निर्मित, रानी की वाव 11 वीं शताब्दी में रानी उदयमती ने अपने पति राजा भीमदेव प्रथम के स्मारक के रूप में बनवाई थी. इसे एक भूमिगत मंदिर या उल्टे मंदिर के रूप में डिजाइन किया गया था. यह आश्चर्यजनक बावड़ी मारू-गुर्जर स्थापत्य शैली में शिल्प कौशल को दर्शाती है. यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल रानी की वाव में 500 से अधिक सिद्धांत मूर्तियां और 1,000 से अधिक छोटी मूर्तियां हैं. (Photo: Wikipedia)
रोशनआरा बाग, दिल्ली
पुरानी दिल्ली में 1650 में राजकुमारी रोशनआरा ने बहुत ही मुगल उद्यान बनवाया. यह बड़ा सा ग्रीनस्पेस शाहजहां की बेटी रोशनआरा के लिए खूबसूरत और आरामदायक उद्यान था. गर्मियों के दिन वह यहां बिताया करती थीं. 19वीं शताब्दी के अंत में अंग्रेजों द्वारा बगीचों का पुनर्विकास और पुनर्रोपण किया गया था. तब से यह विशाल उद्यान दिल्ली में क्रिकेट मैचों के लिए एक मैदान के रूप में काम आता है. (Photo: Unsplash)
दक्षिणेश्वर काली मंदिर, पश्चिम बंगाल
रानी रश्मोनी रानी नहीं, बल्कि एक लीडर थीं. एक मछुआरे के परिवार में जन्मी, रशेमोनी ने ईस्ट इंडिया कंपनी का मुकाबला किया और सती, बहुविवाह और बाल विवाह के खिलाफ काम किया. उन्होंने ही दक्षिणेश्वर के काली मंदिर का निर्माण कराया था. उन्होंने 1857 में 20 एकड़ जमीन खरीदी और बंगाल स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर की शैली में नौ मीनारों के साथ एक दो मंजिला संरचना का निर्माण किया. देवी काली के रूप में भवतारिणी की एक मूर्ति को मंदिर में रखा गया था. (Photo: Wikipedia)