महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए 29 साल के अंकित ने छोड़ी नौकरी...अब तक 300 महिलाओं को दे चुके हैं कंप्यूटर ट्रेनिंग

अक्सर हमने और आपने ऐसी कहानियां सुनी हैं कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए महिलाएं आगे आईं और इस क्षेत्र में काम किया लेकिन आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताएंगे जिसने 29 साल की उम्र में अपनी नौकरी सिर्फ इसलिए छोड़ी क्योंकि वो महिलाओं को आगे बढ़ते देखना चाहता था.

अंकित
तेजश्री पुरंदरे
  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 1:21 PM IST
  • 300 महिलाओं को दे चुके हैं कंप्यूटर क्लास
  • समाज में बदलाव लाना है उद्देश्य

महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए तो हमने महिलाओं को काम करते हुए तो देखा और सुना है लेकिन दिल्ली के रहने वाले अंकित कुछ अलग हैं. दिल्ली के रहने वाले 29 वर्षीय अंकित कुमार ने अपनी नौकरी छोड़ कर महिलाओं के सशक्तिकरण का जिम्मा अपने सर लिया है. अंकित ना केवल महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रहे हैं बल्कि वे महिलाओं की काउंसलिंग करने के साथ-साथ उन्हें सम्मानजनक जिंदगी जीने में भी सहयोग कर रहे हैं.

समाज में बदलाव लाना है उद्देश्य
उनका उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर जागरूकता फैलाकर महिलाओं को सशक्त बनाकर समाज में एक प्रभावशाली बदलाव लाना है. इसके लिए वो समय-समय पर दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण, दिल्ली पुलिस व अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं. उन्हें बचपन से ही जरूरतमंदों की मदद करना अच्छा लगता था, 21 वर्ष की आयु में आकर उन्होंने यह निश्चय किया कि अब वह अपनी एक संस्था बनाकर ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों तक पहुंच बनाकर उनकी मदद करेंगे.

300 महिलाओं को दे चुके हैं कंप्यूटर क्लास
अंकित ने अब तक करीब 300 महिलाओं को निशुल्क कंप्यूटर क्लासेज दे चुके हैं. त्रिलोकपुरी के 14 ब्लाक में उनका कंप्यूटर केंद्र चल रहा है. जहां आसपास के क्षेत्र से काफी युवा प्रशिक्षण लेने आते हैं. अंकित बताते हैं कि वे ऐसी महिलाओं की मदद करते हैं जो घरेलू हिंसा का शिकार हैं या फिर अपने हक की लड़ाई लड़ने में खुद को कमजोर महसूस कर रही हैं. वे ऐसी महिलाओं की काउंसलिंग करते हैं, उन्हें समझाते हैं और उनके परिवार से भी बातचीत करते हैं. यदि बातचीत से बात नहीं बनती तो फिर वह कानूनी कार्रवाई करने में महिलाओं की मदद भी करते हैं.

बीच में छोड़ दी नौकरी
अंकित बताते हैं कि पेशे से वे एक इंजीनियर हैं. लेकिन एक समय के बाद उन्हें लगा कि अब उन्हें नौकरी छोड़कर कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे समाज का कुछ भला हो. इसके लिए उन्होंने महिलाओं के लिए कुछ करने की ठानी. जाहिर सी बात है कि शुरुआती सफर में उन्हें कई लोगों ने भला बुरा कहा, लेकिन फिर भी उन्होंने अपना काम जारी रखा. अब आगे अंकित का सपना है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को आत्मनिर्भर बना कर उनके हक की लड़ाई और मजबूती से लड़ सकें.

 

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