आपने महिलाओं और पुरुषों के ब्यूटी कॉन्टेस्ट के बारे में सुना होगा. इंसान की कद-काठी, उसकी फिटनेस और स्टाइल उसकी सुंदरता के पैमाने तय करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी जानवरों के ब्यूटी कॉन्टेस्ट के बारे में सुना है? इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र के एक आदमी ने यह कर दिखाया है.
कुर्दिस्तान के सुलेमानी के बाज़ियान ज़िले में हाल ही में मुर्गों का एक ब्यूटी कॉन्टेस्ट करवाया गया. इसमें कई पॉल्ट्री मालिकों ने अपने मुर्गों की नुमाइश की और देखने के लिए लोग जुटे.
ऐसे किया गया मुर्गों का आंकलन
मुर्गों का मूल्यांकन उनकी नस्ल, आकार, रंग, पंख की क्वालिटी और शरीर की संरचना के आधार पर किया गया. मुर्गों का साफ और स्वस्थ होना ज़रूरी था. ऐसे मुर्गों को तरजीह दी गई जिनकी देखरेख अच्छी तरह की गई हो.
आयोजकों ने मुर्गों के पंखों और उनकी तंदरुस्ती के आधार पर उन्हें अंक दिए. शांत और संयमित मुर्गों को ज़्यादा पसंद किया गया क्योंकि वे अपनी खूबसूरती और काबिलियत को ज्यादा बेहतर तरीके से दिखा रहे थे.
कैसे की कॉम्पिटीशन की तैयारी?
मालिकों ने प्रतियोगिता की तैयारी के लिए अपने मुर्गों को तैयार करने में कई हफ्तों का समय लगाया. मुर्गा मालिकों ने अपन मुर्गों को पौष्टिक आहार खिलाया. साथ ही यह भी सिखाया कि जब वे मंच पर जाएं तो उन्हें कैसे खड़ा होना है.
इराकी मीडिया हाउस रुडॉ ने एक मुर्गा मालिक ग़रीब मोहम्मद को बताया, “मैं आज इस उत्सव में यह मुर्गा लाया हूं. इसने (मेरा मुर्गा) पहला स्थान जीता और 96 अंक प्राप्त किये. उसे ये अंक उसके चेहरे की खूबियों, उसकी आंखों और उसकी आंखों की गहराई की वजह से मिले. आयोजकों ने उसके काले पंखों और उसकी ऊंचाई को पसंद किया. मैं अपने मुर्गे को अपने बच्चों से ज्यादा प्यार करता हूं."
एक अन्य मुर्गी पालन प्रेमी लालो हवलेरी ने कहा कि वह अपने मुर्गे नहीं बेचेंगे. उन्होंने कहा, “मैं इन दोनों मुर्गों को केवल दिखाने के लिए लाया हूं. ये मुर्गे महंगे से महंगे होते हैं. और उनकी नस्ल ऊंची होती है. मैं अपने मुर्गे बेचने को तैयार नहीं हूँ. मुझे 4,000 डॉलर की पेशकश की गई थी लेकिन मैंने उन्हें नहीं बेचा.”
भारत में भी होता है जानवरों का ब्यूटी कॉम्पिटीशन
बात अगर अपने देश की करें तो यहां हरियाणा में अकसर भैंसों के ब्यूटी पेजेंट आयोजित होते रहते हैं. रोहतक से लेकर भिवानी तक कई किसान इन आयोजनों में अपनी भैंसों का प्रदर्शन करते हैं. विशेषज्ञों का पैनल भैंसों के आकार, समग्र रूप और उनकी सींगों की लंबाई के आधार पर विजेता का फैसला करता है.