Gujarat Day: गुजरात के इस शहर को कहते हैं Manchester of India, जानिए क्यों

गुजरात भारत के अग्रणी राज्यों में से एक है और यहीं का एक जिला, Manchester of India के नाम से भी मशहूर है और इसका कारण सूती कपड़ों की इंडस्ट्री.

साबरमती रिवरफ्रंट (Photo: Wikipedia)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 01 मई 2023,
  • अपडेटेड 2:21 PM IST
  • अहमदाबाद में हुआ सूती वस्त्र उद्योग का विकास 
  • यह शहर हथकरघा कताई और बुनाई के लिए प्रसिद्ध है

गुजरात में अहमदाबाद को भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है. इसके पीछे का कारण है अहमदाबाद और ग्रेट ब्रिटेन के मैनचेस्टर, दोनों ही जगह कॉटन टेक्सटाइल इंडस्ट्री का होना. मैनचेस्टर ब्रिटेन में एक औद्योगिक रूप से विकसित क्षेत्र है और विशेष रूप से कॉटन इंडस्ट्रीज में विकसित है. 

इस शहर की जलवायु महीन सूत कातने के लिए उपयुक्त है और साथ ही, इस शहर से Mershey नदी बहती है, जहां का पानी धाग डाई करने के लिए अच्छा है. मैनचेस्टर की तरह, भारत में अहमदाबाद, साबरमती नदी के तट पर स्थित है. इसका पानी धागों पर डाई के लिए अच्छा होता है. महीन धागे की कताई के लिए जलवायु की स्थिति भी उपयुक्त है. 

इस क्षेत्र के सूती वस्त्र उत्पादों की भारत के अंदर और भारत के बाहर अच्छी मांग है. मिस्र और अन्य विदेशी देशों से कच्चे लंबे स्टेपल कपास कांडला और बॉम्बे बंदरगाह के माध्यम से आयात किया जाता है. 

अहमदाबाद में हुआ सूती वस्त्र उद्योग का विकास 
बंबई के विकास के कुछ ही समय बाद अहमदाबाद में साबरमती नदी के तट पर कपड़ा मिलों का भी विकास हुआ. यह शहर हथकरघा कताई और बुनाई के लिए प्रसिद्ध है और इसे 'भारत का मैनचेस्टर' कहा जाता है. इसके विकास में कई कारकों का योगदान है, जैसे, 

  • अहमदाबाद, गुजरात के कपास उगाने वाले क्षेत्रों में स्थित है और यहां आसानी से कपास की जरूरत पूरी होती है.
  • हथकरघा इंडस्ट्री में लगे कुशल श्रमिक और आस-पास के कृषि क्षेत्रों से सस्ते मजदूर आसानी से उपलब्ध हैं.
  • अहमदाबाद देश के हर हिस्से के साथ सड़कों और रेलवे से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है.
  • यहां बिजली की अच्छी आपूर्ति होती है.

अहमदाबाद क्यों है "भारत का मैनचेस्टर" 
अहमदाबाद को "भारत के मैनचेस्टर शहर" का उपनाम देने के पीछे की कहानी 1780 में मराठवाड़ा क्षेत्र की घरेलू राजनीति में अंग्रेजों के प्रवेश के साथ शुरू हुई. मराठा प्रमुखों के बीच बहुत सारे संघर्ष हो रहे थे और अंग्रेजों ने स्थिति का लाभ उठाया. उन्होंने प्रथम एंग्लो-मराठा युद्ध लड़ा. कई घटनाओं के बाद, अंग्रेजों ने आखिरकार साबरमती नदी के तट पर स्थित अहमदाबाद पर अधिकार कर लिया. उन्होंने इस राज्य को एक बंदरगाह बनाने और बंबई से माल ढुलाई को कम करने पर विचार किया. 

लेकिन उन्होंने जल्द ही अहमदाबाद पर नियंत्रण खो दिया. हालांकि, इससे वे ज्यादा प्रभावित नहीं हुए और उन्होंने तीसरा एंग्लो-मराठा युद्ध जीतकर, 1818 में अहमदाबाद पर फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया. काली मिट्टी की उपलब्धता, साल भर धूप, व्यापारियों के पास भरपूर पैसा होने के कारण यह शहर सूती मिलों की स्थापना के लिए एक सही जगह बन गया. अंग्रेजों ने बड़ा मुनाफा कमाने और अपने खजाने को भरने के लिए, उन्होंने 1864 में एक रेलवे लाइन की स्थापना की जो अहमदाबाद को बंबई से जोड़ती थी, जो भारत में एक प्रमुख बंदरगाह है.

इस प्रकार, इन सभी आर्थिक, भौगोलिक और राजनीतिक स्थितियों के कारण अहमदाबाद का नामकरण भारत के मैनचेस्टर शहर के रूप में हुआ. तब से, शहर में बनने वाले सूती कपड़ों की मांग न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी बढ़ी है.

 

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