उत्तराखंड की संस्कृति की प्रतीक ऐपण कला के डिजाइन अब साड़ियों में भी महिलाओं की खूबसूरती को चार चांद लगाते नज़र आएंगे. पिथौरागढ़ ज़िला प्रशासन ने इसके लिये एक अभिनव पहल करते हुऐ पहली बार ऐपण के डिजाइन से सजी साड़ी लॉन्च की है. सोमवार को पिथौरागढ़ के विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी ने यह साड़ी लॉन्च की.
सदियों से कुमाऊं और उत्तराखंड की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा ऐपण, अब धीरे-धीरे पूरे देश और दुनिया में विभिन्न माध्यमों के जरिए यहां की संस्कृति का प्रचार प्रसार कर रहा है. पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान की पहल के बाद जिला प्रशासन ने पहली बार ऐपण के डिजाइन से सजी साड़ी लॉन्च की है.
संस्कृति को बढ़ाने के साथ रोजगार का अवसर
इस साड़ी को हिलांस ऐपण साड़ी नाम दिया गया है. सोमवार को विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी ने साड़ी को लॉन्च करते हुए कहा कि इस साड़ी के जरिए स्थानीय महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे. वहीं यह पूरे देश और दुनिया में उत्तराखंड की ऐपण संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने का एक बेहतर माध्यम भी बनेगा.
ऐपण से सजी इस साड़ी का डिजाइन फैशन डिजाइनर दीपिका चंद ने तैयार किया है. वह पिथौरागढ़ जिले की रहने वाली है और लंबे समय से ऐपण पर कार्य कर रही है. दीपिका चंद ने उम्मीद जताई है कि ऐपण साड़ी के जरिए स्थानीय स्वयं सहायता समूह की महिलाएं व्यवसायिक उत्पादन के लिए प्रोत्साहित होंगी. साथ ही, स्थानीय ऐपण कलाकारों को भी को भी रोजगार का एक नया माध्यम मिल सकेगा. ऐपण डिजाइन से सजी साड़ी के बाजार में आने के बाद उत्तराखंड की ऐपण कला का संरक्षण और संवर्धन भी बेहतर ढंग से हो सकेगा.
दूसरे कपड़ों पर भी होगा प्रयोग
पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने बताया कि ऐपण के डिजाइन को साड़ी के जरिए लांच करने का उनका उद्देश्य स्थानीय ऐपण कलाकारों को आजीविका से जोड़ने के साथ ही इस कला का प्रचार प्रसार करना भी है. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में ऐपण को साड़ी के अलावा अन्य कपड़ों में भी प्रयोग किया जाएगा.
साड़ी की डिजाइनर और ऐपण कलाकार दीपिका चंद का कहना है कि अपनी संस्कृति को बचाने और इसके प्रचार-प्रसार के लिए हमें नए प्रयोग करने की जरूरत है. इसी को देखते हुए उन्होंने साड़ी में ऐपण डिजाइन दिया है. आने वाले समय में इसको लेकर नए नए प्रयोग जारी रहेंगे.
(राकेश पंत की रिपोर्ट)