हरियाणा में हिसार में रहने वाले आर्किटेक्ट गोकुल गोयल ने बिजली की बचत करने और गर्मी से राहत पाने के लिए अनूठा तरीका अपनाया है. उन्होंने अपना घर बनवाते समय कुछ इको-फ्रेंडली और सस्टेनेबल निर्माण तकनीकों का इस्तेमाल किया. उन्होंने अपने घर की छत के निर्माण में मिट्टी के कुल्हड़ों का इस्तेमाल किया है. साथ ही, तेज धुप बचने के लिए बांस का छज्जा तैयार कर दिया. इन तरीकों को अपनाने से उनके घर में बिजली की काफी ज्यादा बचत हो रही है.
दिल्ली से की आर्किटेक्चर की डिग्री
हिसार से स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद गोकुल ने दिल्ली से आर्किटेक्चर में डिग्री हासिल की. उन्होंने पढ़ाई के दौरान सीखा कि आज के समय के हिसाब से निर्माण में कुछ नए प्रयोग करने चाहिए. इससे आपको पहचान भी मिलेगी और कुछ अच्छा भी होगा. कोरोनाकाल में लॉकडाउन होने के बाद वह जब वापस हिसार पहुंचे, तब उन्हें कुल्हड़ की छत बनाने का आइडिया आया. हिसार में उनका 250 गज में घर बना हुआ है. इसकी दूसरी मंजिल की छत पर साढ़े छह सौ स्क्वायर फीट जगह खाली है. यहां पर उन्होंने कुल्हड़ का प्रयोग किया.
7000 कुल्हड़ों से बनाई छत
गोकुल ने सबसे पहले 7000 मिट्टी के कुल्हड़ मंगवाए. इनकी कीमत उन्हें 4000 रुपये पड़ी. सबसे पहले दूसरी मंजिल की छत को बनाने के लिए वाटर प्रूफिंग की गई. तीन दिन तक छत पर पानी खड़ा रखा गया है इसके बाद पानी को सुखाया गया है और फिर प्लास्टर किया गया. ताजा प्लास्टर पर कुल्हड़ों को उल्टा करके रखते गए. बाद में कुल्हड़ों के ऊपर मेटल की जाली रखी गई और फिर इसे कंक्रीट में पैक किया गया. इसके बाद छत पर मार्बल के छोटे-छोटे टुकड़ों को सफेद सीमेंट लगाकर कर छत को पैक कर दिया गया.
हो रही है बिजली की बचत
गोकुल ने बताया कि इससे गर्मी से राहत मिलती है और बिजली की बचत होती है. साथ ही, छत पर लीकेज होने का खतरा भी नहीं है. गोकुल गोयल के अनुसार कुल्हड़ों की छत से उनके घर के अंदर और बाहर के तापमान में चार-पांच डिग्री का अंतर आ गया है. जिस कारण एसी, पंखा कम चलता है और बिजली बिल में बचत होती है. उन्होंने बताया कि कुल्हड़ की छत बनने से उनके घर में साठ प्रतिशत बिजली की बचत हो रही है.
गर्मी में मार्च-अप्रैल में दिनों से एसी शुरु होती जाती है. लेकिन अब वह अपने घर में एसी अप्रैल के आखिर में आकर चलाते हैं क्योंकि पंखे से ही घर में ठंडक रहती है. उन्होंने बांस से छज्जे का निर्माण किया है. इस बांस के छज्जे से तेज पड़ने वाली धूप से आसानी से बचा जा सकता है.
(प्रवीण कुमार की रिपोर्ट)