यूं तो गुजरात के सूरत को डायमंड और टेक्स्टाइल सिटी कहा जाता है लेकिन जिस तरह से अंगदान करने के मामले सूरत से सामने आ रहे है उसने इस शहर को नई पहचान दी है. सूरत से 40वें दिल का दान चेन्नई में किया गया है. सूरत के बेंकेर्स हॉस्पिटल से चेन्नई की एमजीएम हॉस्पिटल तक 1610 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 221 मिनट में तय की गई. सूरत के ब्रेनडेड श्रमिक के अंगदान ने 6 लोगों को जीवनदान दिया है.
बीपी बढ़ने से हो गए थे बेहोश
30 वर्षीय सुशील शाहू भले अब इस दुनियां में नहीं हैं, लेकिन दान किए गए अंगो के जरिए वो दूसरों के शरीर में हमेशा जीवित रहेंगे. मूलतः उड़ीसा के रहने वाले सुशील शाहू सूरत के सायण इलाके की एक लूम्स फेक्टरी में मजदूरी करते थे. 26 जनवरी को उनका ब्लड प्रेशर बढ़ गया और वो बेहोश हो गए. परिजनों ने उन्हें सूरत की बेंकेर्स हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने जांच पड़ताल के बाद उन्हें ब्रेनडेड घोषित कर दिया. सुशील के ब्रेनडेड होने की जानकारी अंगदान के लिए प्रोत्साहित करने वाली सूरत की संस्था डोनेट लाइफ के लोगों को हुई तो बेंकेर्स हॉस्पिटल पहुंचे और सुशील के परिवार को अंगदान के लिए समझाया. डोनेट लाइफ संस्था की बात से सुशील शाहू का परिवार सहमत हो गया और अंगदान किया गया.
छह लोगों को दिया जीवनदान
सूरत के श्रमिक सुशील शाहू का दिल सूरत की बेंकेर्स हॉस्पिटल से चेन्नई की एमजीएम हॉस्पिटल तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कोरिडोर बनाया गया था. दिल विशेष विमान के द्वारा 47 वर्षीय व्यक्ति के शरीर में ट्रांसप्लांट किया गया, जबकि दोनों किडनी का ट्रांसप्लांट अहमदाबाद निवासी 52 वर्षीय और 53 वर्षीय जरूरतमंद लोगों में किया गया. वहीं लीवर का ट्रांसप्लांट भावनगर के 44 वर्षीय व्यक्ति में अहमदाबाद की जायडस हॉस्पिटल में किया गया. इसी प्रकार फेफड़े का ट्रांसप्लांट मुंबई के हॉस्पिटल में होना था लेकिन मरीज के कोरोना पोजिटिव आने से फिलहाल वो नहीं हो पाया है. सुशील शाहू के दोनों नेत्रों का दान सूरत की चक्षु बैंक ने स्वीकार्य किया है. ब्रेनडेड श्रमिक सुशील शाहू के दिल, फेंफड़ा, दो किडनी, लीवर और दोनों नेत्रों के दान से 6 लोगों को जीवन दान मिला है.
सूरत सहित दक्षिण गुजरात से डोनेट लाइफ संस्था द्वारा अब तक 418 किडनी, 178 लीवर, 8 पेंक्रियास, 40 दिल , 26 फेफड़े, 4 हाथ और 322 नेत्रों सहित कुल 996 अंगदान से 909 लोगों को नया जीवन और नई दृष्टि देने का काम किया है.
(सूरत से संजय सिंह राठौर की रिपोर्ट)