इंसान को अकेलापन तब होता है, जब वो दूसरों से अलग-थलग रहने लगता है. वो न तो सोशल कनेक्शन बनाना चाहता है और ना ही किसी रिलेशनशिप में इन्वॉल्व होता है. अकेलापन दूर करने के लिए लोग अलग-अलग तरीके अपनाते हैं...कोई आउटिंग के लिए निकल पड़ता है तो कोई अपना फेवरेट काम करने की ख्वाहिश रखता है. लेकिन बेंगलुरु के एक माइक्रोसॉफ्ट इंजीनियर ने अकेलापन दूर करने का अनोखा तरीका निकाला है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही स्टोरी
दरअसल 35 साल का माइक्रोसॉफ्ट टैकी अकेलापन दूर करने के लिए वीकेंड में ऑटो रिक्शा चलाता है. इस स्टोरी को X यूजर वेंकटेश गुप्ता ने सबसे पहले पोस्ट किया था.
उन्होंने लिखा था- कोरमंगला में माइक्रोसॉफ्ट के एक 35 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर से मुलाकात हुई, जो वीकेंड में अकेलापन दूर करने के लिए नम्मा यात्री चला रहा था." फोटो में इंजीनियर को माइक्रोसॉफ्ट हुडी में ऑटो रिक्शा चलाते हुए देखा जा सकता है. माइक्रोसॉफ्ट टैकी की ये स्टोरी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
लोगों ने दिया ऐसा रिएक्शन
कुछ यूजर्स ने जहां इंजीनियर की स्थिति को लेकर सहानुभूति जताई तो वहीं कुछ लोगों ने इसे मूनलाइटिंग से जोड़कर देखा. एक यूजर ने लिखा- भाई ने नारायण मूर्ति की सलाह को बहुत गंभीरता से लिया है.
वहीं एक यूजर ने लिखा- क्या तुम सच कह रहे हो? हमारा नकली सम्मान हमें इसकी इजाजत नहीं देता... वह इतना अकेला कैसे हो सकता है?. एक यूजर ने लिखा- जैसे-जैसे टैक इंडस्ट्री ग्रो कर रही है, वैसे-वैसे पेशेवरों के बीच अकेलेपन की घटना भी बढ़ रही है. वहीं, दूसरे यूजर ने लिखा है, ‘अकेले रहना काफी ओवररेटेड है.
बेंगलुरु में इस तरह का ये कोई पहला मामला नहीं है, जब टैक प्रोफेशनल्स को अपनी इनकम बढ़ाने के लिए छोटी-मोटी नौकरियां करते देखा गया हो. इससे पहले, हिंदुस्तान कंप्यूटर्स लिमिटेड (एचसीएल) के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने भी नौकरी से निकाले जाने के बाद रैपिडो बाइक टैक्सी चलाई थी.