गन्ना किसानों ने बनाई जुगाड़ टेक्नोलॉजी, अब कम समय और कम पैसों में हो रही है गन्ने की पेराई, दूसरों के लिए बने प्रेरणा

यह कहानी है गया में इमामगंज प्रखंड के बंदोहरी गांव के चार किसानों की. जिन्होंने गन्ने की पेराई के लिए एक जुगाड़ तकनीक बनाई है. और इसके माध्यम से समय के साथ-साथ पैसे की बचत हो रही है. किसान विनोद प्रजापत, शालिग्राम कुमार, शिवनारायण प्रजापत एवं वासुदेव प्रजापत इस पहल में शामिल हैं. 

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gnttv.com
  • गया,
  • 21 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:02 AM IST
  • गया के किसानों की अनोखी तकनीक
  • गन्ने की पेराई करना हुआ आसान

इस बात में कोई दो राय नहीं हैं कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है. और समय-समय पर लोग इस बात को साबित भी करते हैं. हाल ही में बिहार के गया में यह देखने को मिला जब किसानों ने गन्ने की पेराई के लिए सस्ता और आसान साधन खुद ही बना लिया.

यह कहानी है गया में इमामगंज प्रखंड के बंदोहरी गांव के चार किसानों की. इन किसानों ने गन्ने की पेराई के लिए एक जुगाड़ तकनीक बनाई है. और इसके माध्यम से समय के साथ-साथ पैसे की बचत हो रही है. किसान विनोद प्रजापत, शालिग्राम कुमार, शिवनारायण प्रजापत एवं वासुदेव प्रजापत इस पहल में शामिल हैं. 


गन्ने का रस निकालकर गुड बनाने का आसान तरीका: 

इन किसानों ने गुड न्यूज़ टुडे को बताया कि पहले गन्ने की पेराई क्रेशर से कराते थे. जिसमें उन्हें काफी समय लगता था. और एक कड़ाह गन्ने का रस निकालने और पेराई करने की लागत भी लगभग 150 रुपए लगती थी. लेकिन इस पारंपरिक तरीकों को उन्होंने और आसान बनाने की सोची. 

उन्होंने गन्ना पेरने वाली मशीन को लकड़ी के एक बल्ले की मदद से एक बाइक से जोड़ दिया. बाइक को एक इंसान चलाता है और किसान मशीन में गन्ना लगाता रहता है. जिससे एक घंटे से भी कम समय में एक कड़ाह गन्ने का रस निकल जाता है. और उनका खर्च भी पहले से 40 रुपए कम हो गया है. 

एक ग्रामीण जितेंद्र कुमार दांगी ने बताया कि किसानों की इस जुगाड़ टेक्नोलॉजी से गन्ने की पेराई देखने के लिए आसपास के गांव के किसान जुट रहे हैं.
 

(गया से बिमलेन्दु चैतन्य की रिपोर्ट)

 

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