बिहार पुलिस ने राज्य की महिला यात्रियों की सुरक्षा (Women Safety in Bihar) के लिए एक नई पहल शुरू की है. सड़कों पर अकेले यात्रा करने वाली महिलाएं अब अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सिर्फ एक कॉल से पुलिस को उनकी एक्टिविटी पर नज़र रखने के लिए कह सकती हैं. यह एक मॉनिटरिंग सिस्टम है जो पुलिस को महिला यात्रियों की गतिविधियों को शुरू से अंत तक फिजिकल और डिजिटल दोनों तरह से ट्रैक करने में मदद करेगी.
पुलिस के अनुसार, "Safe Travel" पहल टेलीफोन नंबर 112 के तहत राज्य पुलिस की आपातकालीन सेवाओं का हिस्सा होगी. महिलाओं को अपनी यात्रा की निगरानी के लिए पुलिस से संपर्क करने के लिए बस नंबर डायल करना होगा.
5 सितंबर से शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट
इस पहल को शुरू करके बिहार, तेलंगाना और हरियाणा के बाद ऐसा सिस्टम स्थापित करने वाला तीसरा राज्य बन जाएगा. यह पहल सड़क यात्रा तक ही सीमित है. इसे सबसे पहले छह जिलों - पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बेगुसराय और नालंदा - में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 5 सितंबर से शुरू किया जाएगा और 15 सितंबर से सभी 38 जिलों में विस्तारित किया जाएगा.
बिहार के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (तकनीकी और वायरलेस) निर्मल कुमार आजाद ने मीडिया को बताया कि डायल 112 की आपातकालीन सेवा के तहत कॉल करने वालों में 25 प्रतिशत महिलाएं हैं. सुरक्षित यात्रा पहल चौबीसों घंटे उपलब्ध होगी.
कैसे काम करेगी यह पहल
अगर कोई महिला पुलिस को कॉल करती है तो सबसे पहले एक पुलिस टीम उस व्हीकल की जानकारी लेगी जिसमें महिला यात्रा कर रही है और उसकी पूरी यात्रा के दौरान उसे ट्रैक करेगा. महिला अपनी लाइव लोकेशन भी पुलिस के साथ शेयर कर सकती है. इस बीच, स्थानीय पुलिस स्टेशनों को अलर्ट पर रखा जाएगा. इसके लिए पुलिस टीमों को स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है.
(पुलिस) टीम नियमित अंतराल पर महिला यात्री को भी कॉल करेगी और अगर महिला का फोन पहुंच से बाहर है, तो एक इमरजेंसी रिस्पॉन्स व्हीकल फिजिकली उस वाहन का पता लगाएगा, जिसमें महिला यात्रा कर रही थी. बिहार पुलिस का मानना है कि इस पहल से महिला यात्रियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा. साथ ही, दुर्गा पूजा के साथ शुरू हो रहे त्योहारी सीजन में यह पहल फायदेमंद साबित हो सकती है.