Organic Farming: माता-पिता को था कैंसर तो आर्मी की नौकरी छोड़ घर लौट आया बेटा, अब जैविक खेती में सफलता हासिल कर पेश की मिसाल

मिलिए बिजनौर के राहुल से, जो पूर्व-सैनिक हैं और गांव लौटकर उन्होंने जैविक खेती शुरू की. आज वह न सिर्फ अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं ब्लकि दूसरे किसानों को इसके फायदे भी बता रहे हैं.

Banana Farming (Representational Photo: Unsplash)
gnttv.com
  • बिजनौर,
  • 05 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 9:47 AM IST

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक रिटायर्ड आर्मी के जवान ने जैविक खेती में सफलता हासिल करके मिसाल पेश की है. यह कहानी है राहुल नाम के एक पूर्व सैनिक की, जिन्होंने साल 2020 में समय से पहले रिटायरमेंट ले ली और गांव आकर खेती शुरू की. अब सवाल यह है कि आखिर एक आर्मीमैन को गांव लौटकर खेती करने की जरूरत कैसे पड़ गई. 

दरअसल, कुछ साल पहले राहुल को पता चला कि उनके माता-पिता दोनों कैंसर से पीड़ित हैं और उनका स्वास्थ्य गिरता जा रहा था. ऐसे में, उन्होंने तय किया कि वह घर पर लौटकर अपने माता-पिता का ख्या रखेंगे. हालांकि, जब वह घर लौटे तो उन्होंने गांव में किसानों की बढ़ती परेशानियां देखी और साथ ही, केमिकल फार्मिंग के बढ़ते दुष्प्रभावों को समझा. तब उन्होंने जैविक खेती शुरू करने का मन बनाया. 

क्यों शुरू की जैविक खेती 
राहुल कहते हैं कि उनके माता-पिता दोनों कैंसर से पीड़ित हैं और यह बीमारी भारत में दिन-ब-दिन फैलती जा रही है. राहुल ने यह भी बताया कि आज किसान अधिक मात्रा में उर्वरक और कीटनाशकों का उपयोग करते हैं जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है. साथ ही, किसान सिंचाई के लिए नदी के पानी का उपयोग करते हैं, जिसमें औद्योगिक कचरा और घर से निकलने वाला प्रदूषित पानी भी मिल जाता है. 

इस प्रदूषित पानी को सब्जियों के पौधे और फसलें सोख लेती हैं और अंत में, ये सब्जियां और फसलें हमारे स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव डालती हैं. यही कारण है कि आज भारतीयों में कैंसर जैसी बीमारी आम हो गई है, इसलिए उनका उद्देश्य जैविक खेती को बढ़ावा देना है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी शुद्ध हो सके कैंसर से बचाव के लिए जैविक भोजन.

केले की खेती से मुनाफा 
राहुल ने बताया, "मैंने 3 एकड़ जमीन पर 3500 केले के पौधे लगाए हैं और 5 एकड़ जमीन पर जैविक तरीके से गन्ना भी उगाया है. एक सीजन में केले के हर एक पेड़ से लगभग 24 किलोग्राम केले मिलते हैं." राहुल से जब पूछा गया कि जैविक तरीके से केला उगाना आर्थिक रूप से लाभदायक है, तो राहुल ने कहा कि वह जैविक केला बेचकर प्रतिमाह 50 से 55 हजार कमाता हूं.

राहुल ने अपने खेतों में ड्रिप सिंचाई का भी उपयोग किया है. राहुल ने कहा कि ड्रिप सिंचाई की तकनीक के कारण, बहुत सारा पानी बचा सकते हैं और राहुल ने यह भी कहा कि ड्रिप सिंचाई, सिंचाई का सबसे कुशल और सफल तरीका है. ड्रिप सिंचाई अत्यधिक पानी भरने से रोकती है, यह टाइमर के साथ पूरी तरह से स्वचालित है और निराई को भी कम करती है.

राहुल ने की है पूरे भारत की यात्रा
राहुल ने बताया कि उन्होंने फास्ट टैग शुल्क पर 11000 रुपये खर्च किए क्योंकि उन्होंने किसानों को जैविक खेती के लाभों के बारे में जागरूक करने के लिए पूरे भारत में प्रवास किया है. किसानों को जैविक खेती पर स्विच करने में मदद करने के लिए उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया है. अपनी वीडियोज में वह बताते हैं कि आप जैविक खेती कैसे शुरू कर सकते हैं और अपनी फसल उगाने के लिए कीटनाशकों और रासायनिक अप्राकृतिक उर्वरकों के उपयोग को कैसे कम कर सकते हैं. 

 

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