जॉब हॉपिंग क्या है? क्यों अरबपति CEO टॉड ग्रेव्स ऐसे कर्मचारियों को मानते हैं रेड फ्लैग! जॉब हॉपिंग कितनी सही कितनी गलत

Millennials और Generation Z सबसे ज्यादा जॉब-होपिंग करते हैं. पहले इसे अस्थिरता के रूप में देखा जाता था, लेकिन आज कल करियर ग्रोथ के लिए ये काफी जरूरी माना जाता है.

Job Hopping
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:01 AM IST
  • Generation Z सबसे ज्यादा जॉब-होपिंग करते हैं
  • जॉब होपिंग कितनी सही कितनी गलत

रेजिंग केंस के CEO टॉड ग्रेव्स ने job-hopping वाले एम्प्लॉयी को रेड फ्लैग कहा है. उनकी कंपनी job-hopping वाले कर्मचारियों को बिल्कुल भी हायर नहीं करती है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग डेजिगनेशन और अपने काम से मतलब रखते हैं इन्हें टीमवर्क और कंपनी के काम से फर्क नहीं पड़ता है.

ग्रेव्स ने कहा कि जब वह नौकरी के लिए इंटरव्यू शेड्यूल करते हैं, तो वह कंपनी के लिए हर एक कैंडीडेट के पैशन को मापने की कोशिश करते हैं और आखिरकार ऐसे लोगों को काम पर रखते हैं, जिनमें काम का जुनून होता है और अपने काम को दिल से करने की लगन होती है. ग्रेव्स ने कहते हैं, "हमारे यहां कैशियर से लेकर फ्राई कुक तक, सभी को हायर करते हुए उनका काम के प्रति जुनून देखा जाता है.'' बता दें, टॉड ग्रेव्स चिकन फिंगर्स चेन रेजिंग केंस के CEO हैं. इस रेस्टोरेंट चेन के 800 से अधिक आउटलेट हैं और कंपनी की मार्केट वैल्यू 9.5 बिलियन डॉलर है.

आइए जानते हैं क्या होती है जॉब होपिंग
जॉब-होपिंग बार-बार नौकरी बदलने की हैबिट को कहते हैं. ऐसे कर्मचारी जो हर एक या दो साल में नौकरी बदलते हैं उन्हें इस कैटेगरी में रखा जाता है. Millennials और Generation Z सबसे ज्यादा जॉब-होपिंग करते हैं. पहले इसे अस्थिरता के रूप में देखा जाता था, लेकिन आज कल करियर ग्रोथ के लिए ये काफी जरूरी माना जाता है. बावजूद इसके कई कंपनियां जॉब होपिंग करने वाले एम्प्लॉई को नौकरी पर रखने से कतराती हैं.

जॉब-होपिंग वाले कर्मचारियों के रिज्यूमे फॉरवर्ड नहीं किए जाते
Linkedin ने हाल ही में जॉब होपिंग को लेकर एक सर्वे किया था जिसमें 37% हायरिंग मैनेजर्स का कहना था कि अगर कोई उम्मीदवार बार-बार नौकरी बदलता है, तो वे उसका रिज्यूमे आगे बढ़ाने से कतराते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आपने किसी कंपनी में केवल 9 महीने ही काम किए हैं तो, तो हायरिंग मैनेजर्स को लगता है कि शायद आप यहां भी केवल 9 महीने के लिए ही रहेंगे.

जॉब होपिंग की भी अपनी वजह हो सकती है

सैलरी या जॉब सैटिस्फेक्शन न होना: कई एम्प्लॉई सैलरी या जॉब में सैटिस्फाई न होने की वजह से बार-बार नौकरी बदलते हैं. उन्हें लगता है कि वे अंडरपेड हैं. यानी उन्हें अपने काम के हिसाब से वेतन नहीं दिया जा रहा है.

खराब मैनेजर्स के नीचे काम करना: कई बार जॉब होपिंग के पीछे कंपनी का माहौल भी हो सकता है. कई एम्प्लॉई अपने बॉस या मैनेजमेंट से परेशान होकर नई नौकरी तलाशने लगते हैं. ज्यादातर ईमानदार कर्मचारी अगर खराब माहौल में खुद को नहीं ढाल पाते तो ऐसे दमघोंटू वातावरण में ज़्यादा दिन बने रहने से अच्छा अपने लिए विकल्प तलाशने लगते हैं.

बढ़िया नौकरी मिलना: ज्यादातर मामलों में जॉब होपिंग की वजह अच्छी नौकरी मिलना होता है. नई चुनौती स्वीकारने और नए माहौल में काम करने की चाहत लोगों को बार-बार नौकरी बदलने पर मजबूर कर सकती है.

बार-बार नौकरी बदलने की आदत: कुछ लोगों की आदत ही बार-बार नौकरी बदलने की होती है, ऐसे लोग कभी भी एक जगह टिककर काम नहीं कर पाते और हर वक्त नई जॉब की तलाश में रहते हैं. आपकी ये आदत कंपनी की नजर में आपके पोटेंशियल को कम करती है.

जॉब का स्टेटस से लिंक: कुछ लोग अपनी जॉब का स्टेटस से जोड़कर देखते हैं. उन्हें लगता है कि एक ही कंपनी में लगातार काम करने से आसपास के लोगों में उनकी इज़्जत कम हो जाती है. इसलिए भी वे लगातार नौकरी बदलते रहते हैं.

जॉब होपिंग कितनी सही कितनी गलत
अगर आप करियर ग्रोथ के लिए जॉब होपिंग कर रहे हैं तो ये आपके लिए पॉजिटिव हो सकता है. अगर आपने करियर में शॉर्ट कॉन्ट्रैक्ट पूरा होने पर ब्रेक लिया है, कहीं और काम करने की सोच रहे हैं तो उसे कंपनी सकारात्मक तरीके से लेती है. रिज्यूमे में आए जॉब होपिंग को लेकर आपको बताना चाहिए कि आखिर ऐसा क्यों हुआ. अगर आपको पास कंपनी छोड़ने का कोई बड़ा कारण न हो तो दो या तीन साल में ही नौकरी बदलें. 

जॉब होपिंग में जरूर ध्यान रखें ये बातें

  • गुस्से में आकर नौकरी छोड़ने या बदलने का फैसला न लें.

  • रिजाइन करने से पहले अपने विकल्पों के बारे में अच्छे से सोच विचार कर लें.

  • मौजूदा नौकरी छोड़ने से पहले नई नौकरी ढूंढ लें. बिना नौकरी ढूंढे जॉब छोड़ने में समझदारी नहीं है.

  • मौजूदा नौकरी छोड़ने के बावजूद वहां के बॉस और कर्मचारियों से अच्छे रिलेशन रखें. किसी भी बैड नोट के साथ नौकरी न छोड़ें.

  • कभी भी पिछली कंपनी के बारे में नेगेटिव बातें न करें.

 

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