Bold Helmet: नहीं मिला परफेक्ट हेलमेट, तो टीना ने अपने बच्चों के लिए इनोवेटिव तरीके से बना डाला पटका वाला हेलमेट, देता है पूरी सुरक्षा

Sikh or Bold Helmet: बोल्ड हेलमेट लोगों और समग्र रूप से साइक्लिंग इंडस्ट्री के हेलमेट के बारे में सोचने के तरीके को बदल रहा है. कई अलग-अलग सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतिबंध हैं जिनके कारण पारंपरिक हेलमेट नहीं पहना जा सकता है, ऐसे में बोल्ड हेलमेट एक बेहतर ऑप्शन है.

Bold Helmet
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:05 PM IST
  • लोगों की सोच बदल रहा है बोल्ड हेलमेट 
  • बाइक का हेलमेट ठीक से फिट नहीं होता था 

बच्चे जब घर से बाहर जाते हैं तो सबसे ज्यादा चिंता उनकी मां को सताती है कि क्या वे ठीक हैं? और अगर वे साइकिल पर गए हों तो ये चिंता दोगुनी हो जाती है. टीना भी उन्हीं माओं में से एक हैं. दरअसल, जब टीना सिंह के बच्चों ने साइकिल चलाना शुरू किया तो उन्हें फिट होने के लिए हेलमेट नहीं मिला. एक प्रोफेशनल थेरेपिस्ट होने के नाते वे अक्सर सिर और दिमाग की चोट के बारे में सुनती रहती थीं. वह जानती थीं कि हेलमेट का उपयोग कितना जरूरी है. 

कई तरह के तरीके अपनाने के बाद उन्होंने एक ऐसा प्रोडक्ट बनाने का बीड़ा उठाया जो उनके जैसे बच्चों के लिए काम करता हो. पहले सिख हेलमेट के नाम से मशहूर बोल्ड हेलमेट ने 5+ उम्र के सिख बच्चों के लिए इसे बनाया. उसके बाद उन्होंने मल्टीस्पोर्ट हेलमेट बनाया है. 

आपके बच्चे को बोल्ड हेलमेट की आवश्यकता क्यों है?

बोल्ड हेलमेट की वेबसाइट के मुताबिक, कनाडाई बाल चिकित्सा सोसायटी के अनुसार पिछले 12 महीनों में 5-12 आयु वर्ग के लगभग 91% बच्चों ने साइकिल चलाई है. ऐसे में साइकिल हेलमेट सिर और ब्रेन की चोट के जोखिम को 69% तक कम कर सकता है. कई जगहों पर यह कानून है कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए साइकिल हेलमेट का उपयोग किया जाना चाहिए. 

इसे लेकर टीना कहती हैं, “ऐसे कई सारे ग्रुप हैं जिन्हें पूरी तरह से सेफ्टी नहीं मिलती है. मेरा मानना है कि अगर कोई काम पहले नहीं हुआ है इसका मतलब ये नहीं है कि अब या आगे वह नहीं हो सकता. मैं आशा करती हूं कि मेरी इस छोटी सी पहल से लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी.”   

लोगों की सोच बदल रहा है बोल्ड हेलमेट 

बोल्ड हेलमेट लोगों और समग्र रूप से साइक्लिंग इंडस्ट्री के हेलमेट के बारे में सोचने के तरीके को बदल रहा है. अक्सर सोचा जाता है कि हेलमेट केवल एक ही शेप में आ सकता है. लेकिन कई अलग-अलग सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतिबंध हैं जो पारंपरिक हेलमेट डिजाइन को कुछ लोगों के लिए सही नहीं बनाते हैं. ऐसे में बोल्ड हेलमेट की संस्थापक टीना सिंह के लिए, बोल्ड हेलमेट उस समस्या का उत्तर था जो उन्होंने टोरंटो, ओंटारियो में अपने स्थानीय सिख समुदाय में देखी थी. लेकिन कुछ साल पहले उन्होंने उत्तरी अमेरिका में बोल्ड हेलमेट लॉन्च किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सिख बच्चे पारंपरिक पटका पहनकर सिर की उचित सुरक्षा के साथ साइकिलिंग कर सकें.

बाइक का हेलमेट ठीक से फिट नहीं होता था 

टीना कहती हैं कि उन्होंने बोल्ड हेलमेट्स को बाइक इंडस्ट्री के रूप में लॉन्च नहीं किया था. उन्होंने बोल्ड हेलमेट्स की स्थापना एक मां के रूप में की थी, जो अपने बच्चों को बाहर सवारी करते समय सुरक्षित रखना चाहती थी. युवा सिख लड़कों के रूप में, वे पटका पहनते हैं, ये एक तरह से कपड़े से ढकी एक छोटी सी चोटी होती है. और यही कारण है कि मानक हेलमेट उन्हें फिट नहीं होते हैं, 

एक मीडिया रिपोर्ट में वे बताती हैं, "जिस तरह से मेरे बच्चे अपने बाल रखते हैं - एक पटका, जो एक छोटा कपड़ा होता है जो मूल रूप से ऊपरी गांठ को ढकता है. कल्पना कीजिए कि आप अपने बालों को ऊपर से बांधकर बाइक का हेलमेट लगाने की कोशिश कर रहे हैं. बाइक का हेलमेट ठीक से फिट नहीं होगा. ऐसे में उनके लिए कुछ अलग बनाना जरूरी है.”

डिजाइन करने में लगे महीनों 

इसे डिजाइन करने में महीनों लगे हैं. टीना कहती हैं, "हम जानते थे कि हमारे पास सीपीएससी रेटिंग होनी चाहिए, जो पूरे अमेरिका और कनाडा में मानक है, लेकिन हम यह सुनिश्चित करने के लिए अलग से सर्टिफिकेट भी प्राप्त करना चाहते थे कि हेलमेट स्केटबोर्डिंग के लिए भी सुरक्षित होंगे. इसमें थोड़ा समय लगा, लेकिन आखिरकार ये मिल गया.”


 

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