भारतीय ट्रेन में फूड डिलीवरी से ब्रिटिश व्लॉगर हुआ हैरान... कहा भारत से सीख ले सकता है यूके

जॉर्ज बकले ने इंस्टाग्राम पर अपने फ़ॉलोअर्स के साथ एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने अपने अनुभव को साझा किया. साथ ही सुझाव दिया कि यू.के. भारत से सीख सकता है.

George Buckley (Instagram/@georgebxckley)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 14 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 1:14 PM IST

एक ब्रिटिश व्लॉगर, जॉर्ज बकले कुछ दिन पहले भारत की सोलो ट्रिप पर थे. इस दौरान उन्होंने दिल्ली, जयपुर और बनारस जैसे शहरों की ट्रिप की. इस यात्रा के दौरान उन्हें कुछ ऐसा पता चला कि उनकी खुशी और हैरानी का ठिकाना नहीं रहा. दरअसल, ट्रेन से बनारस जाते समय रास्ते में उन्हें पता चला कि वह ट्रेन जर्नी के दौरान ऑनलाइन फूड डिलीवरी करा सकते हैं. 

जॉर्ज बकले ने इंस्टाग्राम पर अपने फ़ॉलोअर्स के साथ एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने अपने अनुभव को साझा किया. साथ ही सुझाव दिया कि यू.के. भारत से सीख सकता है. उन्होंने वीडियो में कहा, "हम वाराणसी जाते समय कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर रुके हैं और अब हम फूड डिलीवरी का इंतज़ार कर रहे हैं."

ज़ोमैटो से कर सकते हैं ऑर्डर 
बकले ने फूड ऑर्डर करने के लिए ज़ोमैटो का इस्तेमाल किया, जो ई-कैटरिंग के लिए भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) का ऑथराइज्ड पार्टनर है. ट्रेन में फूड डिलीवरी के लिए यात्री को अपना 10 अंकों का पीएनआर कोड डालना होता है और फूड ऑर्डर करना होता है, जिसे बाद में शेड्यूल्ड हॉल्ट के दौरान चुने गए स्टेशन पर डिलीवर किया जाता है. बकले को समय पर ऑर्डर मिल गया, जिसके लिए उन्होंने सिर्फ 345 रुपये का भुगतान किया और ट्रेन के एसी फर्स्ट क्लास के डिब्बे में अपने साथी-यात्री के साथ खाने का आनंद लिया. 

पहले भी विदेशी कर चुके हैं भारत की तारीफ 
इससे कुछ दिन पहले एक और विदेशी मे भारत के मेट्रो सिस्टम की तारीफ की थी. एलेक्स वेल्डर नामक शख्स ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि  भारत आने से पहले, उनके मन में कई परशानियां थीं कि यहां पुरानी बसें और शोरगुल वाले टुक-टुक होंगे. लेकिन एक बार जब उन्होंने दिल्ली और आगरा जैसे शहरों में मेट्रो में यात्रा की, तो उनकी धारणा तुरंत बदल गई. वेल्डर ने कहा, "मुझे नहीं पता था कि भारत के कुछ शहरों जैसे आगरा और दिल्ली में वास्तव में बहुत अच्छा मेट्रो सिस्टम है, दिल्ली में तो कुछ लाइनों पर प्लेटफ़ॉर्म स्क्रीन दरवाज़े, फ़ोन चार्ज करने के लिए प्लग और महिलाओं और बुज़ुर्गों के लिए निर्धारित सीटें भी हैं."

 

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