अगर आप भी दिल्ली में किसी ऐसी जगह घूमना चाहते हैं जहां आप प्रकृति को महसूस कर पाएं, इसके लिए आप बटरफ्लाई पार्क जा सकते हैं. 2017 में बना ये पार्क शुरुआत से ही नेचर लवर्स के लिए एक प्रमुख आकर्षण रहा है. ये पार्क राजधानी में 2.5 एकड़ में फैला है. बटरफ्लाई पार्क का उद्देश्य लोधी गार्डन और अरावली जैव विविधता पार्क के समान शहर की हरियाली को दिखाना है.
क्यों बनाया गया है ये पार्क?
दरअसल, बटरफ्लाई पार्क की शुरुआत एक स्थिर और निष्पक्ष इकोलॉजिकल बैलेंस बनाने के लिए की गई है. पार्क तितलियों के लिए एक अनुकूल वातावरण देता है. यह छात्रों और दूसर विजिटर्स फ़ूड चेन के बारे में जानकारी देने और उसे समझाने में मदद करता है.
दुनिया में कई तितलियों की प्रजाति लुप्त हो चुकी है
इसके अलावा बटरफ्लाई पार्क जैसी पहल का मकसद जैव विविधता को बढ़ावा देना है. चूंकि जलवायु परिवर्तन एक बड़ा खतरा है, अकेले यूके में 56 से अधिक प्रजातियां लुप्त होने की कगार पर हैं और कई प्रकार की तितलियां वहां पहले ही विलुप्त हो गई हैं. पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि हमारे आस-पास पतंगे, तितलियां और मकड़ियाँ जैसे कीड़े-मकोड़े होना जरूरी हैं. अगर ऐसा नहीं है, तो, आपका आवास रहने योग्य नहीं है और आसपास के वातवरण का इकोसिस्टम बिगड़ना शुरू हो गया है.
कैसे पहुंचें पार्क?
अगर आप बटरफ्लाई पार्क जाने का सोच रहे हैं, तो आप मेट्रो से जा सकते हैं. हालांकि, विजिटर्स अपने प्राइवेट और पब्लिक ट्रांसपोर्ट से भी जा सकते हैं. बटरफ्लाई पार्क असोला इलाके में है. लोग तुगलकाबाद से महरौली-बदरपुर रोड के रास्ते पार्क तक पहुंच सकते हैं या हुडा सिटी सेंटर मेट्रो से महरौली तक जा सकते हैं और तुगलकाबाद किले के पास छतरपुर मंदिर में उतर सकते हैं.
पार्क की टाइमिंग और टिकट
बटरफ्लाई पार्क का टाइम सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच है. वीकेंड पर ये बंद रहता है. आपको पार्क में जाने के लिए टिकट की जरूरत नहीं है. इसलिए किसी तरह की कोई प्री-बुकिंग की भी नहीं करवानी होगी.